सूबे के दलित संगठनों के नेताओं ने कहा कि उस दिन वे दो-तीन जगहों पर ट्रेनों के संचालन में बाधा पहुंचाएंगे। दलितों पर अत्याचार के मुद्दे को बेहतर ढंग से उठाने के लिए राज्य के कुछ स्थानों पर यह आंदोलन किया जाएगा।
दलित नेता सुबोध परमार ने कहा कि हमने देश के अन्य हिस्सों के दलित नेताओं से उस दिन अपने-अपने शहरों में इसी तरह का विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल दलितों के मुद्दों तक सीमित नहीं है बल्कि वे आदिवासियों, अन्य पिछड़ा वर्गों और किसानों से संबंधित मुद्दों को उठाना चाहते हैं। जुलाई में ऊना में दलितों युवकों की पिटाई के बाद से राज्य के दलितों में रोष व्याप्त है।