बलात्कार के दोषी पाए गए गुरमीत राम रहीम को सोमवार सीबीआई अदालत के द्वारा 10 साल की सजा सुनाई गई। रोहतक जेल में ही बनाई गई अस्थाई कोर्ट में जज जगदीप सिंह ने गुरमीत राम रहीम सिंह को सजा सुनाई। इससे पहले 25 अगस्त को कोर्ट ने गुरमीत को साल 2002 में दो महिलाओं से बलात्कार का दोषी माना था। कोर्ट के फैसले के बाद पंचकूला में उग्र हुई हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने जेल के करीब किसी भी संदिग्ध को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया। इसे लेकर हरियाणा और पंजाब में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम भी किया गया।
फैसला सुनाने से पहले वकील ने कुछ ऐसा कहा
जस्टिस जगदीप सिंह ने अपना फैसला सुनाने से पहले राम रहीम से कहा कि आपके पास रहने वाली साध्वी आपको पिता के रूप मे देखती है। उसके साथ आप ऐसा नहीं कर सकते। आपको ये कार्य शोभा नहीं देते। आपकी हरकत को कम करके नहीं देख सकते।
10 साल की सजा और 65 हजार का जुर्माना
कोर्ट ने गुरमीत को दस साल की सजा के अलावा 65 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। एक धारा में 50 हजार, दूसरी धारा में 10 हजार इसके अलावा एक अन्य धारा में 5 हजार का जुर्माना लगाया है।
सजा के ऐलान के बाद समर्थकों ने जलाई गाड़ी
गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाए जाने के कुछ ही मिनटों के अंदर डेरा परिसर से गुस्साई भीड़ निकली और एक कार को आग लगा दी। हालांकि सिरसा प्रशासन का कहना है कि इस घटना की जांच की जा रही है
फैसले के बाद राम रहीम ने की वीवीआईपी डिमांड
फैसले के बाद भी राम रहीम की मांगे खत्म नहीं हुई। बाबा ने कोर्ट एक ‘वीवीआईपी डिमांड’ करते हुए कहा कि जेल का खाना अच्छा नहीं है। इसके अलावा बाबा ने अपने वकीलों के माध्यम से कहा कि फैसले के बाद मैंने चाय मांगी मुझे चाय नहीं दी गई। इस पर जज ने कहा कि आपके साथ सामान्य कैदियों जैसा ही व्यवहार किया जाएगा।
गुरमीत को VVIP ट्रीटमेंट पर कोर्ट ने लगाई फटकार
रामरहीम के साथ सूटकेस को लेकर कोर्ट की ओर से फटकार लगी। कोर्ट ने यह भी पूछा कि गुरमीत राम रहीम के साथ जो लड़की आई थी वो कौन थी? कोर्ट के आदेश के बाद राम रहीम के साथ लाए गए सूटकेस को वकीलों को वापस किया गया। कोर्ट ने राम रहीम को VVIP ट्रीटमेंट पर सरकार को फटकार लगाई है।
कोर्ट में क्या-क्या हुआ
- सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस जगदीप सिंह ने सीबीआई और बचाव पक्ष को अपनी बात रखने के लिए 10-10 मिनट का वक्त दिया।
- सीबीआई ने मामले को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर बताते हुए उम्रकैद की सजा की मांग की।
- सीबीआई के वकील ने राम रहीम को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की क्योंकि जिस वक्त दुष्कर्म हुआ उस वक्त साध्वी नाबालिग थी।
- बचाव पक्ष ने नरमी की मांग करते हुए तर्क दिया कि राम रहीम सामाजिक कार्य करते हैं। अनाथ बच्चों की परवरिश करते हैं, स्वच्छ भारत अभियान में हिस्सा ले चुके हैं आदि।
- बचाव पक्ष ने राम रहीम के सेहत का हवाला देते हुए कहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती इसलिए नरमी बरती जाए।
- दोनों पक्षों की बहस के दौरान राम रहीम चुपचाप हाथ जोड़े खड़े रहे।
- जस्टिस जगदीप के फैसला सुनाने के बाद राम रहीम रोने लगे और रहम की भीख मांगने लगे।
प्रशासन का दावा- नही हुई हिंसा
हरियाणा प्रशासन ने दावा किया है कि सिरसा में सोमवार को कहीं पर भी हिंसा नहीं हुई। गुड़गांव नगर निगम के विशेष आयुक्त वी. उमा शंकर और सिरसा के आईजी ए.एस. ढिल्लों सिरसा में मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख को सजा सुनाए जाने को देखते हुए हमने पहले ही पूरे इंतजाम किए थे।
सोमवार को डेरा के पास कार में आग लगने की घटना को लेकर सिरसा के आईजी ए.एस. ढिल्लों ने कहा, 'एसएचओ ने शुरुआती जांच में पाया है कि कुछ लड़के कार में बैठे हुए थे और हॉर्न के साथ कोई समस्या थी। जैसे ही वे बाहर निकले इसमें आग लग गई। हालांकि, उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और फरेंसिक एक्सपर्ट देखेंगे कि आग अपने आप लगी या किसी ने लगाई। यह भी पता किया जा रहा है कि गाड़ी किसकी थी।
बता दें कि राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद डेरा समर्थकों ने जमकर हिंसा की, इसे देखते हुए पूरी सतर्कता बरती जा रही है। जेल के आसपास के इलाके में सख्त सुरक्षा व्यवस्था है। यहां अर्ध सैनिक बलों की कंपनियां तैनात हैं। रोहतक आने वाली सभी गाड़ियों की कड़ी तलाशी ली जा रही है। लोगों से पूछताछ भी की जा रही है। जेल के दोनों तरफ 5 से 10 किलोमीटर के दायरे में किसी को जाने की इजाजत नहीं है।
गौरतलब है कि राम रहीम की सजा को लेकर गृह मंत्रालय में गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक पहले हो चुकी है। बैठक में एनएसए अजीत डोभाल के अलावा, गृह सचिव, आईबी चीफ और अर्धसैनिक बलों के अधिकारी मौजूद रहे।