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आरक्षण की मांग को लेकर आज से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हार्दिक पटेल, धारा 144 लागू

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर शनिवार से...
आरक्षण की मांग को लेकर आज से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हार्दिक पटेल, धारा 144 लागू

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर शनिवार से अपने घर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं। हार्दिक पटेल ने कहा है कि उनके घर की ओर आने वाले लोगों को रोका जा रहा है और हिरासत में लिया जा रहा है।

पाटीदार नेता ने दावा किया कि अहमदाबाद की ओर आ रहे हाईवे पर उनके समर्थकों को रोका जा रहा है। आने वाले लोगों से पहचान पत्र मांगे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार अंग्रेजों की तरह काम कर रही है। अनशन को रोकने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह तीन बजे से उपवास पर बैठेंगे।

कांग्रेस के तीन पाटीदार नेता समर्थन में पहुंचे

इससे पहले हार्दिक पटेल के समर्थन में कांग्रेस के तीन पाटीदार नेता भी हार्दिक पटेल के घर पहुंचे। ये नेता ललित कथगरा, ललित वसोया और किरीट पटेल हैं। हार्दिक अपने घर पर अनशन पर इसलिए बैठे हैं क्योंकि उन्हें स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से अहमदाबाद में अनशन की इजाजत नहीं मिली है।

अनशन से पहले हार्दिक ने शुक्रवार को कहा कि अगर प्रशासन इसकी इजाजत नहीं देता है या अदालत उनकी जमानत रद्द करती है, तब भी वह अनशन का फैसला नहीं बदलेंगे। इस बीच, हार्दिक पटेल के घर के बाहर बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। उनके घर के आस पास से गुजरने वाले हर शख्स से पुलिस पूछताछ कर रही है।

जूनागढ़ कलेक्टर ने लगाई धारा 144

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के अनशन आंदोलन के चलते जूनागढ़ कलेक्टर ने पूरे जिले में धारा 144 लगाई है। पब्लिक प्लेस पर 4 से ज्यादा लोगों के जमा होने पर रोक लगाई गई है। वहीं, हार्दिक पटेल का कहना है कि पुलिस के अनुमती देने तक वह अपने घर पर ही अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने कहा है कि लॉ एंड ऑर्डर सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, 'जब धारा 144 के तहत अटलजी की अस्थिकलश यात्रा निकाली जा सकती है, तो सिर्फ हमारे अनशन पर ही क्यों धारा 144 लगती है।'

इससे पहले भी हार्दिक गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को भी पत्र लिखकर 25 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन के लिए अनुमति मांगी थी। उन्होंने रूपाणी को एक खुले पत्र में कहा कि लगातार अनुरोधों के बाद भी प्रशासन ने ना तो पुलिस की अनुमति दी है ना ही उन्हें प्रदर्शन के लिए कहीं जगह मुहैया कराया है।

तीन साल पहले 25 अगस्त 2015 को ही गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन हुआ था, जिस दौरान काफी उपद्रव हुआ और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। इस हिंसा में 14 लोगों की मौत हुई थी।


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