कर्ज तले डूबी हरियाणा की गठबंधन सरकार ने अपने पहले बजट में हर वर्ग को लुभाने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बतौर वित्त मंत्री शुक्रवार को अपना पहला कर मुक्त बजट पेश किया। इसमें हर वर्ग पर सौगातों की बौछार की गई। किसान, नौजवान, महिलाओं, गांव, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा को सरकार ने टॉप एजेंडे में रखा है।
किसानों को तीन शर्तों के साथ तीन लाख रुपये तक ब्याज रहित फसली ऋण मिलेगा। आर्थिक गतिविधियों के लिए किसानों को नए वित्तीय वर्ष में 7.50 रुपये प्रति यूनिट की बजाए 4.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी। हजारों किसानों का बिजली का बिल प्रति यूनिट 2.75 रुपये कम हो जाएगा। प्रदेश में आठवीं की अब फिर से बोर्ड परीक्षा होगी। नो डिटेंशन पॉलिसी लागू होने के बाद पांचवीं और आठवीं का बोर्ड खत्म कर दिया गया था। सरकार ने हरियाणा और प्रदेश से बाहर दो साल में एक लाख सरकारी नौकरियां व निजी क्षेत्र में एक साल में 25 हजार रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। तीन से पांच आयु वर्ग के बच्चों के लिए 4000 प्ले वे स्कूल खोले जाएंगे। कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए पांच सौ नाए क्रेच खोले जाएंगे।
सरकार किसानों की आय दोगुनी करने, नौजवानों को रोजगार, गांवों में विकास की नई बयार, अच्छी शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य के साथ आगे बढ़ेगी। बीते वर्ष की तुलना वर्तमान बजट 7.70 प्रतिशत अधिक है।
एक नजर में बजट:
2020-21 का अनुमानित बजट 142343.78 करोड़ रुपये।
2019-20 का अनुमानित बजट 1.32 लाख करोड़, संशेाधित 1.41 लाख करोड़।
वर्तमान बजट का संभावित घाटा 15373.95 करोड़ रुपये।
2020-21 में प्रदेश पर कर्ज 198700 करोड़।
2019-20 में प्रदेश पर कर्ज 176832 करोड़।
राजस्व प्राप्तियां- 1 लाख 19 हजार 751 करोड़।
कुल खर्च- 1 लाख 19 हजार 751 करोड़।
वेतन एवं पेंशन पर खर्च - 36012 करोड़।
बजट की बड़ी घोषणाएं:
हर ब्लॉक में पराली खरीद केंद्र बनेंगे।
सब्जी मंडियों में महिला किसानों के लिए अलग से 10 फीसदी स्थान आरक्षित।
किसान कल्याण प्राधिकरण में विशेष महिला सेल बनेगा।
सभी बड़ी मंडियों में क्रॉप ड्रायर।
3 साल में एक लाख एकड़ क्षेत्र में जैविक व प्राकृतिक खेती का विस्तार करेंगे।
अल्प बजट प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देंगे।
किन्नू, अमरूद व आम के बगीचे लगाने पर 20 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान।
मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां शुरू होंगी।