जिलावार आकंड़ों के अनुसार पर मार्च तक लिंगानुपात कैथल, रोहतक, भुाज्जर, गुरूग्राम, भिवानी, जींद, फतेहाबाद, पंचकुला, रेवाड़ी, अंबाला, मेवात, सोनीपत और फरीदाबाद में क्रमश: 864, 863, 893, 893, 893, 896, 898, 912, 913, 921, 926, 939 और 947 है।
राज्य सरकार की ओर से पेश आंकड़ों के अनुसार करनाल, हिसार, यमुनानगर, सिरसा, कुरूक्षेत्र, पानीपत, पलवल और नारनौल में लिंगानुपात क्रमश: 953, 972, 974, 976, 980, 993, 1217 और 1279 रहा।
खट्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम की शुरूआत के बाद हरियाणा में लिंगानुपात को बेहतर करने को एक चुनौती के तौर पर लिया था।
हरियाणा की शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने बुधवार को विधानसभा में कहा था कि राज्य सरकार महिलाओं के अस्तित्व, स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण तथा गौरव को सुनिश्चित करने के उद्देश्य के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार महिलाओं के कल्याण, विकास, सशक्तिकरण तथा उत्थान के लिए अनेक कार्यक्रम एवं योजनाओं का संचालन कर रही है। प्रदेश में स्थानीय निकायों, पंचायती राज संस्थाओं सहित राजनैतिक क्षेत्र में महिलाओं में भागीदारी बढ़ती जा रही है। पंचायत चुनाव और स्थानीय शहरी निकाय चुनाव में 42 प्रतिशत जनप्रतिनिधि महिलाएं चुनकर आई हैं। रोहतक, करनाल और अब फरीदाबाद जैसे नगर निगम की मेयर महिला हैं। 333 बेटियां पंचायतों में सरपंच की जिम्मेदारी को सुशोभित कर रही हैं। चंडीगढ में बर्गर बेचने वाले दिहाडी मजदूर की बेटी फतेहाबाद के गांव में सरपंच बन गई।
उन्होंने कहा था कि नारी की इसी सक्रिय भागीदारी के कारण समाज की मानसिकता में बदलाव आया है। आजादी के बाद तकरीबन 12 महिलाएं विभिन्न राज्यों की मुख्य मंत्री बन चुकी है। पानीपत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक आंदोलन के तौर पर बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान का बिगुल फूंका, ताकि प्रदेश के 12 अति असंतुलित लिंगानुपात वाले जिलों को लक्ष्य करते हुए देश के 200 जिलों में इस खाई को पाटा जा सके। भाषा