जाट आरक्षण संघर्ष समिति अध्यक्ष मलिक ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और वर्तमान सरकार उनकी मांगों पर ईमानदारी से काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, कांग्रेस के साथ ही भाजपा ने भी जाटों को आरक्षण की उनकी मांग पर धोखा दिया। उन्होंने कहा, भाजपा सरकार ने यदि जाटों के लिए आरक्षण के खिलाफ अपनी नीतियां जारी रखीं तो उनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा, केंद्र और राज्य सरकारें आरक्षण मुद्दे पर दोहरी नीतियां अपना रही हैं तथा मुद्दे को अदालत में लटकाकर समय नष्ट कर रही हैं। मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आश्वासन दिए जाने के बावजूद जाट आरक्षण का मुद्दा अभी भी लटका हुआ है और जाट समुदाय में असंतोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि जाट समुदाय राजनीति का शिकार हो गया है।
मलिक ने कहा कि समुदाय अब अपने आरक्षण के लिए सरकारों के खिलाफ अपनी अधिकतम क्षमता का इस्तेमाल करते हुए संघर्ष की योजना बना रहा है। उन्होंने पिछले जाट आंदोलन के दौरान हुए दंगों को लेकर एक सांसद (कुरूक्षेत्रा के सांसद राज कुमार सैनी का उल्लेख करते हुए) आरोप लगाया कि उन्होंने पूरी योजना बनाई जिसमें कई व्यक्ति मारे गए थे। उन्होंने सैनी का नाम लिए बिना कहा कि जिम्मेदार सांसद के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मलिक ने कहा कि जाट समुदाय में विभाजन के चलते पिछली बार का आंदोलन सफल नहीं हो पाया था लेकिन इस बार यह बड़ा आंदोलन होगा। मलिक ने हिसार के पास स्थित मयर गांव में एक रैली को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। रैली का आयोजन सुनील श्योराण की पुण्यतिथि पर किया गया था जिसकी 2012 में मयर गांव में जाट आंदोलन के दौरान मृत्यु हो गई थी। इस वर्ष फरवरी में हरियाणा में कई स्थानों पर जाट आंदोलन के दौरान हुई आगजनी में 30 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और करोड़ों रूपये की संपत्ति क्षतिग्रस्त हो गई थी।
जाट बौखलाए, बोले, पीएम का हेलीकॉप्टर उतरने नहीं देंगे
आरक्षण के लिए हरियाणा में जाटों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर निशाना साधा। हिसार के मय्यड़ में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समित के नेताओं ने एलान किया कि जाटों को आरक्षण नहीं मिला तो भाजपा और अकाली दल को पंजाब और उत्तर प्रदेश में वोट नहीं देंगे। उधर, रोहतक के महम में खाप के चौधरियों ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि वह रेडियो पर मन की बात तो करते हैं, लेकिन जिस समय हरियाणा जल रहा था, उस समय वह कहां थे।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने मय्यड़ में जाट आंदोलन में जान गंवाने वालों के लिए शोकसभा का आयोजन किया तो महम में खाप पंचायतों ने शहीद सम्मान समारोह का आयोजन किया। दोनों ने आयोजन की तारीख 13 सितंबर इसलिए चुनी थी, क्योंकि इसी दिन पांच साल पहले मय्यड़ में शुरू हुए जाट आरक्षण आंदोलन में एक युवक सुनील श्योराण की पुलिस की गोली से मौत हो गई थी।
मय्यड़ में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनको आरक्षण दिलाने का आश्वासन दिया था, लेकिन आरक्षण इस तरह दिया गया कि उस पर स्टे हो गया। उन्होंने कहा कि 2017 में पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चुनाव होने हैं। आरक्षण के लिए भाजपा उनका साथ नहीं दे रही, इसलिए तीन रायों के चुनाव में भाजपा का बहिष्कार किया जाएगा। यदि उससे पहले आरक्षण मिलता है तो इस फैसले को वापस भी लिया जा सकता है। समिति के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मानवेंद्र वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर तक नहीं उतरने देंगे। आंदोलन ऐसा होगा कि दो से तीन महीने में सरकार को झुकना पड़ेगा। महम चौबीसी में खाप चौधरियों ने चेतावनी दी कि सारे जाट एक हैं। हमने कार्यक्रम भले ही अलग अलग किए हों, लेकिन जाट समाज एक है। इसलिए सरकार को जाट आरक्षण पर गंभीर हो जाना चाहिए। आंदोलन यदि दोबारा से शुरू हुआ तो इस बार सरकार को मुंह की खानी पड़ सकती है।