रामपाल को हत्या के दो मामलों में हिसार की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है। ये फैसला सुनाने के लिए हिसार जेल में ही अदालत लगाई गई थी, जहां जज ने अपना फैसला सुनाया है। रामपाल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोर्ट की कार्यवाही जेल में ही पूरी की गई।
जिन मामलों में रामपाल को सजा सुनाई गई है, उनमें पहला केस महिला भक्त की संदिग्ध मौत का है, जिसकी लाश उनके सतलोक आश्रम से 18 नवंबर 2014 को बरामद की गई थी। जबकि दूसरा मामला उस हिंसा से जुड़ा है जिसमें रामपाल के भक्त पुलिस के साथ भिड़ गये थे। इस दौरान करीब 10 दिन चली हिंसा में 4 महिलाएं और 1 बच्चे की मौत हो गई थी। इन दोनों मामलों में सजा का ऐलान 16 और 17 अक्टूबर को किया जाएगा।
सुरक्षा चाक-चौबंद
इस केस की सुनवाई से पहले ही जिले की सभी सीमाएं सील कर दी गई थी। जिससे रामपाल के समर्थक शहर में प्रवेश ना कर सकें। गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम मामले की सुनवाई के दौरान उनके समर्थकों ने पंचकुला में बड़े पैमाने पर हिंसा की थी। इसलिए प्रशासन पहले से ही इस तरह एहतियात बरता। प्रशासन को अनुमान था कि सुनवाई के दौरान रामपाल के 10 से 20 हजार श्रद्धालु कोर्ट परिसर, सेंट्रल जेल, लघु सचिवालय, टाउन पार्क और रेलवे जैसी जगहों पर इकट्ठा हो सकते हैं। लिहाजा हिसार जिले में धारा-144 लागू कर दी गई। कोर्ट के चारों ओर तीन किलोमीटर का सुरक्षा घेरा बनाया गया।
क्या है मामला?
नवंबर 2014 को सतलोक आश्रम में पुलिस और रामपाल समर्थकों में टकराव हुआ था। इस दौरान 5 महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गई थी। इसके बाद आश्रम संचालक रामपाल पर हत्या के दो केस दर्ज किए गए।
केस नंबर-429 (4 महिलाओं व एक बच्चे की मौत) में रामपाल सहित कुल 15 आरोपी थे। वहीं, केस नंबर-430 (एक महिला की मौत) में रामपाल सहित 13 आरोपी थे। इनमें 6 लोग दोनों मामलों में आरोपी थे।
आज इन दोनों मुकदमों यानी मुकदमा नंबर 429 और 430 में फैसला सुनाया गया। सरकारी पक्ष रामपाल और आश्रम संचालकों को इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार बता रहा था जबकि बचाव पक्ष इन केसों में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से हुई मौत बता रहे थे। बहराहाल रामपाल को अदालत ने दोषी पाया।