उत्तर प्रदेश कथित हाथरस गैंगरेप मामले में जाति की बात भी सुर्खियों में है। गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी सवर्ण जाती से आते हैं। जबकि मृतक पीड़िता दलित समुदाय से आती है। गांव के सवर्ण लोगों ने इस बाबत 2-3 अक्टूबर को महापंचायत बुलाई। जिसके बाद रविवार को भाजपा के पूर्व विधायक राजवीर सिंह के यहां पंचायत का आयोजन किया गया, जहां कई गांव के लोग इकठ्ठा हुए। पंचायत को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक ने कहा, मामले में पकड़े गए सभी आरोपियों को फंसाया गया है। सभी लोगों को नार्को टेस्ट होना चाहिए, सब कुछ साफ हो जाएगा। घटनाक्रम के शुरूआती पहलुओं को देखें तो लगातार पीड़िता के परिवार वालों की तरफ से बयान बदले गए। लेकिन, मीडिया टीआरपी के लिए एकतरफा हो चली है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार की देर शाम कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के परिवार के मिलने के कुछ ही देर बाद सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी। मामले में एसआईटी लगातार पीड़िता की मौत के बाद से जांच में जुटी हुई है। रविवार को एक बार फिर एसआईटी की टीम पीड़िता के परिवार का बयान दर्ज करने के लिए गई। मामले में एसपी, डीएसपी, सीओ और इंस्पेक्टर समेत कुल पांच अधिकारियों को सस्पेंड किया जा चुका है।
इससे पहले की हुई पंचायत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किया जा रहा है। सवर्णों का कहना है कि इस मामले में उन सभी आरोपियों को फंसाया जा रहा है। साथ ही पंचायत एफएसएल की रिपोर्ट का हवाला दे रहे हैं। एफएसएल की रिपोर्ट का जिक्र यूपी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा करते हुए कहा गया था कि रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है।
सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो में सैंकड़ों की तादात में जमा भीड़ के बीच एक आदमी बोल रहा है, हमारे बच्चे बलात्कार नहीं है। एफएसएल की रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि बलात्कार नहीं हुआ है। उन्होंने अपनी ताकत दिखाई है। हम भी अपनी ताकत दिखाएंगे। यदि हम सभी खड़े हो गए तो मुश्किल हो जाएगा। हम हैं इस देश की चाभी। हम किसी को परेशान नहीं कर रहे हैं, नहीं सता रहे हैं। नार्को टेस्ट करवा लीजिए। सीबीआई जांच कीजिए। यदि हमारा बच्चा निर्दोष है तो उसे बिना बेल के रिहा कीजिए। कोई भी राजनीतिक पार्टी हमारे बीच नहीं आएगी।" साथ ही वीडियो में वो व्यक्ति पंचायत में बैठे लोगों से कहता है, कोई भी व्यक्ति पथराव या दंगा नहीं करेगा।
हालांकि, आउटलुक इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।
हाथरस मामले में ठाकुर समाज की भी पंचायत हुई है. पंचायत में FSL रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए कहा गया कि रेप नहीं हुआ है, हमारे बच्चों को फंसाया जा रहा है. pic.twitter.com/MUkpK6RzOM
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) October 3, 2020
मामले में राजनीति भी चरम पर है। नेताओं के परिवार से मिलने का दौर जारी है। पीड़िता के साथ 14 सितंबर को कथित गैंगरेप हुआ था। इस दौरान उसकी गर्दन की हड्डी तोड़ दी गई, जिसके बाद उसे अलीगढ़ के जेएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। गंभीर स्थिति के बाद सोमवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत एक दिन बाद हो गई। पुलिस पर आरोप है कि परिवार की इजाजत के बिना शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस बाबत इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बीते दिनों स्वत: संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार और राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को 12 अक्टूबर को तलब किया है।