मुंबई पुलिस का कहना है कि एचडीएफसी बैंक के वाइस प्रेसिडेंट सिद्धार्थ संघवी की हत्या का मामला सुलझ गया है। पीटीआई के मुताबिक, पहले हत्या की वजह ईर्ष्या बताने वाली पुलिस का कहना है कि हत्या की मुख्य वजह लूट है। दरअसल, गिरफ्तार किए गए आरोपी सरफराज शेख ने बार-बार अपने बयान बदले और पुलिस को उलझाकर रखा। पुलिस के मुताबिक, संघवी ने जब कैब ड्राइवर सरफराज को पैसे देने से इनकार किया तो उसने धारदार हथियार से हमला कर दिया।
सोमवार को पाया गया शव
बुधवार से गायब चल रहे संघवी का शव सोमवार को कल्याण के हाजी मलंग इलाके में पाया गया। पुलिस ने बताया कि जब शेख और संघवी के बीच पैसे को लेकर पार्किंग में विवाद हुआ तो संघवी ने अलार्म बजा दिया था, जिससे घबराकर शेख ने उनपर हमला कर दिया। हत्या करने के बाद शेख ने संघवी के शव को कार में रखा और हाजी मलंग के पास लाकर फेंक दिया।
हत्या के आरोपी ने पुलिस को बयानों में उलझाया
इससे पहले दिए गए बयान में शेख ने पुलिस को बताया कि उसे तीन लोगों ने हत्या का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। सूत्रों के मुताबिक, उसने ज्यादा कुछ तो नहीं बताया लेकिन यह जरूर बताया है कि उनमें से दो लोग एचडीएफसी में पहले काम कर चुके हैं और वह सिद्धार्थ की तरक्की और जल्दी हुए प्रमोशन्स से चिढ़े हुए थे। इसी वजह से सिद्धार्थ को मारना चाहते थे।
जानकारी के मुताबिक, शेख उस इलाके से काफी परिचित है। गौरतलब है कि सिद्धार्थ संघवी बुधवार रात से ही गायब थे। पुलिस ने इस बात से इनकार किया कि किसी निजी दुश्मनी की वजह से संघवी की हत्या की गई है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'पूछताछ के दौरान शेख ने हमें कई कन्फ्यूज करने के लिए कई तरह की बातें बताईं।'
कार में तीन लोग थे मौजूद
पुलिस के मुताबिक, मलबार हिल में रहने वाले सिद्धार्थ को लोगों ने आखिरी बार बुधवार शाम कमला मिल्स कंपाउंड स्थित दफ्तर से करीब 8:30 बजे घर के लिए निकलते हुए देखा था, लेकिन वह घर नहीं पहुंचे। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज में यह सामने आया है कि अंतिम बार संघवी की कार में तीन और लोग मौजूद थे। कार जब बरामद हुई तो उसमें खून के धब्बे मिले थे।