पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को घेरने में हेमन्त सरकार को भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी का हथियार काम आ रहा है। राज्यसभा चुनाव 2016 में हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रेस सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ पीसी एक्ट (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट ) के तहत मुकदमा चलेगा। खुद रघुवर दास इस मामले में गैर नामजद अभियुक्त बनाये गये हैं। पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव पर सरकार ने पीसी एक्ट के तहत इनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। इधर रघुवर दास ने खुली चुनौती देते हुए कहा कि छह साल पुराने मामले में नई धाराएं जोड़ मुझे फंसाने की साजिश की जा रही है, मैं इससे डरने वाला नहीं। बता दें कि हॉर्स ट्रेडिंग मामले में आरोपी बनाये गये रघुवर दास के करीबी माने जाने वाले एडीजी अनुराग गुप्ता को हेमन्त सरकार ने फरवरी 2000 में ही निलंबित कर दिया था। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चल रही है।
राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान के लिए कांग्रेस के तत्कालीन बड़का गांव विधायक निर्मला देवी को प्रलोभन देने और उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप अनुराग गुप्ता पर है। चुनाव आयोग को इसकी शिकायत की गई तो आयोग ने पहली नजर में मामले को सत्य पाते हुए राज्य सरकार को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था। तब मार्च 2018 में रघुवर शासन में ही रांची के जगन्नाथपुर थाना में मामला दर्ज किया गया था। बाद में चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से पीसी एक्ट के तहत मामला चलाने को कहा था। अब इसमें पीसी एक्ट भी जुड़ गया है। जगन्नाथपुर थाना में मामला दर्ज होने के बाद निर्मला देवी ने अपने बयान में भाजपा प्रत्याशी को वोट देने के एवज में रघुवर दास, तत्कालीन एडीजी विशेष शाखा अनुराग गुप्ता और रघुवर दास के तत्कालीन प्रेस सलाहकार अजय कुमार पर पांच करोड़ रुपये के ऑफर का आरोप लगाया था।
चुनाव आयोग ने झारखण्ड विकास मोर्चा की शिकायत पर हॉर्स ट्रेडिंग मामले की जांच का आदेश दिया था। तब झाविमो सुप्रीमो (अभी भाजपा विधायक दल के नेता) बाबूलाल मरांडी ने दिल्ली जाकर चुनाव आयोग से शिकायत की थी, प्रमाण सौंपे थे। उनके साथ दूसरी पार्टियों के वरिष्ठ नेता भी थे। यही कार्रवाई के लिए हेमन्त सरकार के लिए हथियार बन गया है। बाबूलाल मरांडी ने कुछ वीडियो और ऑडियो टेप जारी करते हुए आरोप लगाया था कि रघुवर दास के एक सहयोगी और आइपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता ने तत्कालीन कांग्रेस विधायक निर्मला देवी पर राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने के लिए प्रलोभन दिया, धमकाया। उनके पति योगेंद्र साव को भी धमकाया।
पीसी एक्ट के तहत मुकदमे की अनुमति और अपना नाम गैर नामजद अभियुक्त में शामिल किये जाने पर रघुवर दास ने कहा कि झारखण्ड में पहलीबार विद्वेष और बदले की राजनीति की शुरुआत हो रही है। यह 2024 के चुनाव की तैयारी है। छह साल पुराने मामले में नई धाराएं जोड़कर मुझे भी इसें शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। चार साल से मामले की जांच चल रही है लेकिन कुछ भी नहीं निकला तो जिंदा रखने के लिए नई धाराएं जोड़ने का प्रयास शुरू किया गया है। उन्होंने सरकार और अधिकारियों से कहा है कि कानून की किताब से और जितनी तरह की धाराएं इसमें जोड़ी जा सकती हैं उसे जोड़ लें, मैं डरने वाला नहीं हूं। जो अधिकारी यह सोच रहे हैं कि अभी गंदगी फैला लेंगे और 2024 तक रिटायर करने के बाद आराम की जिंदगी जियेंगे तो यह उनकी भूल है। सभी की जिम्मेदारी तय की जायेगी। मुख्यमंत्री अगले चुनाव तक यह खींचना चाहते हैं, अधिकारियों को नहीं भूलना चाहिए यहां जो कुछ भी है शाश्वत नहीं है। इधर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी इस मामले में कुछ नहीं बोलना चाहते। कहते हैं अभी देखूंगा, समझूंगा क्या किया जा रहा है तब बोलूंगा।