रांची। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के समन को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। रांची जमीन घोटाला और उससे संबंधित मनीलॉड्रिंग मामले में ईडी ने पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को समन किया था जिसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
हेमंत सोरेन ने ईडी के अधिकार को चुनौती देते हुए समन को गलत बताया था। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्याय मूर्ति अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने मामने की सुनवाई से इनकार कर दिया और समन के खिलाफ होई कोर्ट जाने को कहा। इसके बाद हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने चुनौती देने वाली याचिका वापस ले ली। अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस मामले को लेकर हाई कोर्ट की शरण में जायेंगे और ईडी के समन पर रोक का आग्रह करेंगे।
बता दें कि ईडी इस मामले में हेमंत सोरेन को चार बार समन कर चुकी है। चौथे समन में उन्हें 23 सितंबर को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय में हाजिर होने के लिए कहा गया है। बता दें कि हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पैरवी कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट में 15 सितंबर को ही इस मामले की सुनवाई निर्धारित थी मगर हेमंत सोरेन के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की तबीयत खराब होने के कारण सुनवाई टल गई और सोमवार 18 सितंबर को सुनवाई की तिथि मुकर्रर की गई थी।
ज्ञात रहे कि हेमंत सोरेन के तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता श्वेता सिंह परिहार की ओर से 23 अगस्त को याचिका (34686/2023) दायर की गई थी जिसमें विधि मंत्रालय और ईडी को प्रतिवादी बनाया गया था। वहीं ईडी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता मुकेश कुमार मरोरिया ने कैवियट फाइल की थी। ईडी की ओर से पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को 14 अगस्त, 23 अगस्त, 9 सितंबर और अब 23 सितंबर को ईडी कार्यालय में हाजिर होने के लिए समन किया गया है। पहले समन के दौरान ही हेमंत सोरेन ने ईडी को पत्र लिखकर ईडी के अधिकार को चुनौती देते हुए कानून की शरण में जाने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद कहा था कि अब कोर्ट का जो फैसला होगा, उसके अनुसार ही वे अगला कदम उठायेंगे।