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झारखंडः हेमन्‍त ने पीएम को लिखा पत्र, सूबे का हर दूसरा बच्‍चा है कुपोषित, लड़ने के लिए रिलीज करें 312 करोड़

रांची। केंद्र से विभिन्‍न मुद्दों पर चल रहे टकराव के बीच मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन में...
झारखंडः हेमन्‍त ने पीएम को लिखा पत्र, सूबे का हर दूसरा बच्‍चा है कुपोषित, लड़ने के लिए रिलीज करें 312 करोड़

रांची। केंद्र से विभिन्‍न मुद्दों पर चल रहे टकराव के बीच मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यहां के कुपोषित बच्‍चों को राहत दिलाने के लिए चालू वर्ष में 15 वें वित्‍त आयोग द्वारा अनुशंसित 312 करोड़ रुपये जल्‍द रिलीज करने का आग्रह किया है।

छह सितंबर को प्रधानमंत्री के नाम पत्र भेजकर हेमन्‍त सोरेन ने कहा है कि कुपोषण की गंभीर समस्या को देखते हुए पूरक पोषाहार कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के लिए सामान्य आवंटन के अतिरिक्त 7,735 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटन की अनुशंसा की गई है। इसके तहत झारखण्ड को अतिरिक्त 312 करोड़ रुपये आवंटित करने की अनुशंसा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड में बड़ी संख्‍या में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के सदस्य निवास करते हैं एवं इस कुपोषण का सीधा संबंध इस समुदाय में देखा गया है। प्रधानमंत्री से उन्‍होंने राज्‍य के नागरिकों की ओर से आग्रह किया है कि रुटीन आवंटन के अतिरिक्‍त अनुशंसित 312 करोड़ रुपये रिलीज करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को निर्देश दें।

कुपोषण की यह है हालत

अपने पत्र में उन्‍होंने नेशनल फैमिली हेल्‍थ सर्वे-4 का ब्‍योरा देते हुए बताया है कि यहां कुपोषण की हालत चिंताजनक है। 0 से 6 वर्ष के बच्चों में हर दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है। 45 प्रतिशत बच्चे मानक से कम वजन के हैं तो 23 प्रतिशत बच्चे दुबले-पतले होते हैं। 11.3 प्रतिशत बच्चे अत्यंत कुपोषित होते हैं। 40.3 प्रतिशत बच्चे अल्प विकसित हैं। इस समस्या को राज्य सरकार ने गंभीरता से लेते हुए अपनी प्राथमिकता में रखा है और भारत सरकार के कार्यक्रमों के अलावा अपने सीमित संसाधनों से कुपोषण की समस्या से लड़ने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार इसके लिए अपने संसाधनों से 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूरक पोषाहार कार्यक्रम के अतिरिक्त बच्चों को अंडा एवं अन्य बच्चों को समकक्ष प्रोटीनयुक्त भोजन देने पर विचार कर रही है। ऐसे में केंद्र सरकार अगर अनुशंसित 312 करोड़ रूपये की राशि विमुक्त करती है, तो कुपोषण के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई में राज्य सरकार को काफी सहयोग मिलेगा।

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