बलात्कार के मामले में आरोपी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ 25 अगस्त को फैसला आना है। अदालत का फैसला आने से पहले हरियाणा सरकार ने राज्य में धारा-144 लागू कर दी है। एडीशनल चीफ सेक्रेटरी राम निवास ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि सुरक्षा बलों को दूसरे राज्यों से लगने वाली सीमा के इलाकों में तैनात किया गया और केंद्र सरकार से पहले ही अर्धसैनिक बलों की 115 कंपनियां देने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि फैसला आने के बाद अगर लोग किसी भी तरह का कानून तोड़ते हैं तो उन्हें सीधा गिरफ्तार किया जाएगा।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, फैसले से पहले मंगलवार को तमाम जगहों पर पुलिस ने फ्लैग मार्च किया, साथ ही निषेधाज्ञा भी कई जगहों पर लागू कर दी गई है। एनडीटीवी के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा में पैरामिलिटरी फोर्स तैनात है। यही नहीं पुलिस ने डेरा सच्चा के समर्थकों को गिरफ्तार करने के लिए स्टेडियम को एक अस्थाई जेल के तौर पर भी तैयार किया है, ताकि अगर फैसला विपरीत हो और डेरा समर्थक सड़क पर उतरें तो उन्हें हिरासत में लिया जा सके।
राम रहीम पर 2002 में दो साध्वियों से बलात्कार करने का आरोप लगा था, जिसके बाद सीबीआई ने इस मामले की 2007 से जांच शुरू कर दी है। पंचकुला स्थित सीबीआई कोर्ट 25 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी। राम रहीम पर राम चंद्र छत्रपति जोकि पूरा सच अखबार के संपादक थे की हत्या का भी आरोप है। माना जाता है कि गुरमीत सिंह का गुरजंत सिंह जोकि खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का सदस्य है, उससे करीब का संबंध है। गुरमीत सिंह को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है और वह अपने आलीशान जीवनशैली के लिए जाने जाते हैं। वह रेंज रोवर से चलते हैं और उनके काफिले में सैकड़ों गाड़ियां चलती हैं। उन्होंने खुद का महिमामण्डन करने वाली फिल्में भी बनाई हैं।
23 साल की उम्र में बने डेरा चीफ बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह इंसान का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ था, वह डेरा सच्चा सौदा के तीसरे मुखिया हैं, वह महज 23 साल की उम्र में 1990 में डेरा के तीसरे मुखिया बन गए थे। हरियाणा और पंजाब के अलावा डेरा के हजारों समर्थन देश के कई अन्य राज्यों में भी हैं, जिसमे राजस्थान और उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं। डेरा की स्थापना बेपरवाह मस्ताना महाराज जी ने 1948 में की थी।