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हिमंत बिस्व सरमा का बड़ा आरोप- मिजोरम पुलिस ने मुद्दे को भड़काया; वीडियो किया ट्वीट

पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम और मिजोरम के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत...
हिमंत बिस्व सरमा का बड़ा आरोप- मिजोरम पुलिस ने मुद्दे को भड़काया; वीडियो किया ट्वीट

पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम और मिजोरम के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को मिजोरम पुलिस के व्यवहार की आलोचना करते हुए एक वीडियो ट्वीट किया है। इस वीडियो में पुलिसकर्मियों को जमीन पर आराम करते देखा जा सकता है। वीडियो के एक हिस्से में कुछ को धूम्रपान करते हुए भी देखा जा सकता है।

मुख्यमंत्री सरमा ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "यह जानने के लिए कि मिजोरम पुलिस के जवानों ने कैसे कार्रवाई की और इस मुद्दे को आगे बढ़ाया, इस वीडियो को देखें।" बता दें कि उनकी यह टिप्पणी असम पुलिस के कम से कम पांच कर्मियों की मौत के मद्देनजर आई है।

असम पुलिस के मुताबिक, कल यानी सोमवार को सब-इंस्पेक्टर स्वपन रॉय, कांस्टेबल लिटन सुकलाबैद्य, एमएच बरभुइया, एन हुसैन और एस बरभुइया की मिजोरम पुलिस के साथ हिंसक झड़प के दौरान मौत हो गई। इस दौरान 50 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।

सरमा ने इससे पहले पुलिसकर्मियों की मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि हिंसा के स्पष्ट सबूत मिल रहे हैं। ये सबूत दिखाते हैं कि मिजोरम पुलिस ने असम पुलिसकर्मियों के खिलाफ लाइट मशीन गन (एलएमजी) का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। उन्होंने मिजोरम पुलिस की मंशा पर सवाल उठाए।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, ''असम अतिक्रमण को लेकर मिजोरम के साथ सीमा विवाद के बाद 'इनरलाइन फॉरेस्ट की सुरक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय जाएगा।'' उन्होंने यह भी कहा कि असम मिजोरम की सीमा से लगते जिलों कछार, करीमगंज, हैलाकांडी में 3 कमांडो बटालियन तैनात करेगा।

हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक, असम ने मिजोरम पर विवादित सीमा स्थलों पर उसकी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। इससे पहले मिजोरम के संदिग्ध बदमाशों ने ढोलाखाल खुलिचेरा में असम सरकार के अधिकारियों की टीम पर ग्रेनेड फेंका था। 11 जुलाई को मिजोरम की तरफ अंतर्राज्यीय सीमा पर एक के बाद एक दो विस्फोट हुए थे।

मिजोरम के वैरेंगटे पुलिस स्टेशन में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। जबकि असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि 10 जुलाई को मिजोरम के लगभग 25-30 लोग खुलिचेरा सीआरपीएफ कैंप से 25 मीटर आगे आए और बाद में यह भीड़ कम से कम 50 लोगों की हो गई। उन्होंने असम के अंदर की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि वन पथ की सफाई के कार्य को रोकने और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को सड़क निर्माण से रोकने के लिए कहा गया।

 

दोनों राज्यों के कर्मियों के बीच गोलीबारी की सबसे हालिया घटना मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह द्वारा असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात के दो दिन बाद हुई है।

 

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