जम्मू-कश्मीर में अपनी पार्टी ने होकरसर मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग करते हुए शनिवार को कहा कि मारे गए युवाओं के शव अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवारों को सौंपे जाने चाहिए। बुधवार को हुई इस मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गये थे।
पूर्व मंत्री एवं एपी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद दिलावर मीर ने आज दोपहर बाद यहां एक बयान में कहा, “हमने होकरसर-श्रीनगर मुठभेड़ में न्यायिक जांच की मांग की, ताकि पूरे अभियान की सच्चाई लोगों को मालूम हो सके।”
मोहम्मद दिलावर मीर ने तीनों युवकों की पारिवारिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि इससे होकरसर मुठभेड़ की सत्यता पर एक बड़ा सवालिया निशान लग गया है। उन्होंने मांग की कि उपराज्यपाल के नेतृत्व वाली सरकार को युवकों के परिवारों द्वारा मुहैया कराये गये ब्योरों को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “मारे गए युवकों के परिवारों का बयान होकरसर मुठभेड़ के बारे में सेना और पुलिस के दावों से विरोधाभासी है। सरकार को इस मामले में समयबद्ध न्यायिक जांच का गठन करना चाहिए और इस बीच शवों को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों में ये मौतें हुईं, उनकी जांच की जरूरत है ताकि मुठभेड़ की वास्तविकता को लेकर जनता की चिंताओं को दूर किया जा सके। लोगों के दिमाग में अभी भी अम्शीपोरा-शोपियां मुठभेड़ ताजा है जिसमें राजौरी के तीन मजदूरों के परिवार के दावों की पुष्टि सैन्य अदालत में भी हुई इसलिए सरकार को होकरसर मुठभेड़ में निष्पक्ष जांच कराने की अपनी जिम्मेदारी से नहीं बचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार को इस क्षेत्र में शांति और समृद्धि के बड़े हितों के लिए जम्मू- कश्मीर में मानवाधिकारों के लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करनी चाहिए।