इतना ही नहीं इस महिला आईपीएस ने इस्तीफे के बाद तुरंत ही फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा। इस पोस्ट में उन्होंने महज तीन शब्द लिखे, 'रिजाइन्ड एंड जॉबलेस' यानी 'इस्तीफा दे दिया और अब बेरोजगार'। उनके इस पोस्ट के सोशल मीडिया पर खासा हंगामा देखने को मिल रहा है।
मीडिया के अनुसार इस साल की शुरूआत में कर्नाटक सरकार के एक मंत्री का फोन शेनॉय के पास आया था लेकिन उन्होंने उसे होल्ड पर रख दिया। बस इस बात से नाराज मंत्री जी ने दबाव डलवाकर शेनॉय का ट्रांसफर करा दिया। ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं कि इसके बाद भी अधिकारी को लगातार परेशान किया गया। हालांकि इस मुद्दे पर अभी तक अनुपमा शेनॉय की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। बहरहाल भाजपा को राज्य में कांग्रेस को घेरने का मौका मिल गया। उसने कांग्रेस शासन पर निशाना साध दिया है। इस्तीफा देने के बाद शेनॉय आखिर कहा हैं और क्या कर रही हैं, ये पता लगाने की ज़िम्मेदारी बेल्लारी के पुलिस अधीक्षक को राज्य सरकार ने दी है। ऊधर राज्य सरकार के प्रवक्ता और खाद्य आपूर्ति मंत्री दिनेश गुंडु राव ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि अनुपमा का व्यवहार एक अधिकारी वाला नहीं है। अगर उन्हें शिकायत थी तो गृह मंत्री से लेकर डीजीपी और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों से उन्हें बात करनी चाहिए थी जोकि उन्होंने नहीं किया, बल्कि इस्तीफा देने के बाद वो मोबाइल ऑफ कर इस तरह गायब हुई हैं कि उनके वरिष्ठ अधिकारी भी सम्पर्क नहीं कर पा रहे।