मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार कार्य कर रही है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं और राज्य तथा केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों/पदाधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और राज्य तथा केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि शाह मणिपुर की स्थिति के बारे में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों से नियमित रूप से जानकारी ले रहे हैं।
गुरुवार को शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री, राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस प्रमुख, केंद्रीय गृह सचिव और केंद्र सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारियों की उपस्थिति में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दो बैठकें की। उन्होंने गुरुवार को मणिपुर की स्थिति के मद्देनजर नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो, मिजोरम के जोरमथंगा और असम के हिमंत बिस्वा सरमा के साथ टेलीफोन पर बातचीत की।
इस बीच, सीआरपीएफ के कम से कम पांच उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रैंक के अधिकारी और सात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और एसपी-रैंक के अधिकारियों को तैनात जवानों के साथ समन्वय बनाने का काम सौंपा गया है। केंद्र ने सीआरपीएफ और बीएसएफ सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की लगभग 20 नई कंपनियों को संकटग्रस्त राज्य में भेजा है। मणिपुर की स्थिति सुधारने के लिए सेना और असम राइफल्स के अलावा सीएपीएफ इकाइयों को शामिल करने का काम भी चल रहा है। एक सूत्र ने कहा कि इनमें से कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को दिल्ली और रांची से लाया जा रहा है।
गौरतलब है कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में छात्रों के एक संगठन ने ‘आदिवासी एकता मार्च' का आयोजन किया था। इसके दौरान ही आदिवासी और गैर आदिवासी गुटों के बीच हुई हिंसा हुई। इसके पश्चात राज्य सरकार ने गुरुवार को बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए "अत्यधिक मामलों" में देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया। अबतक करीब 9,000 से अधिक लोगों को उनके गांव से विस्थापित किया गया है।