कानपुर के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर को जिला प्रशासन ने शनिवार को जेसीबी से गिरा दिया है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश पुलिस टीम विकास दुबे को पकड़ने गई थी जहां बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाई जिसमें डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। विकास दुबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं।कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पकड़ने के लिए 25 से अधिक पुलिस टीमें बनाई गई है। कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने कहा है कि अपराधी दुबे की जानकारी पुलिस को देने वाले व्यक्ति को 50,000 रुपये का इनाम दिया जाएगा, साथ ही उनकी जानकारी गोपनीय रखी जाएगी।
पहले से घात लगाए बैठे थे बदमाश
पुलिस की टीम जब हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के यहां दबिश देने पहुंची तो अपराधी गैंग के लोग घात लगाकर पुलिस का इंतजार कर रहे थे। इससे पहले पुलिस अपनी कार्रवाई को अंजाम देती, इन अपराधियों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। गैंग के सदस्यों ने पुलिस को चारों ओर से घेर लिया था। पुलिस को ऐसे हमले की उम्मीद नहीं थी। उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की टीम पर बदमाशों द्वारा हुए इस हमले में डीएसपी देवेंद्र मिश्रा और थाना प्रभारी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। फॉरेंसिक टीम भी छानबीन में जुट गई है।
सीएम योगी ने मांगी रिपोर्ट, कड़ा ऐक्शन लेने का निर्देश
घटना के बाद शुक्रवार को जिले के डीएम ने बताया कि पुलिस की इस टीम में एक सीओ, एक एसओ, 2 एसआई और 4 जवान शहीद हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर शोक जताया। सीएम ने डीजीपी एचसी अवस्थी को अपराधियों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लेने के निर्देश दिए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी शहीद परिवार को एक करोड़ रुपये के आर्थिक मदद की घोषणा की है।
अपराधी की मां ने कहा, पुलिस के सामने करना चाहिए सरेंडर
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की मां सरला देवी ने शुक्रवार को कहा था, "उसे पुलिस की पकड़ में आने से पहले खुद ही सरेंडर कर देना चाहिए। अगर वह सामने नहीं आता है तो पुलिस उसे एनकाउंटर में मार डालेगी। मैं कहती हूं कि अगर पुलिस उसे पकड़ लेती है तो उसे मार भी दे क्योंकि उसने बहुत गलत काम किया है।"