साल 2007 में हैदराबाद में हुए दोहरे बम धमाकों के मामले में एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने दो दोषियों को फांसी और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अनीक शफीक सईद और इस्माइल चौधरी को फांसी की सजा का ऐलान किया है, जबकि तीसरे दोषी तारिक अंजुम को उम्रकैद की सजा दी गई है।
चार सितंबर को ठहराए गए थे दोषी
फांसी की सजा पाने वालों में से अनीक ने कथित तौर पर लुम्बिनी पार्क में बम रखा था, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं अकबर ने दिलसुखनगर में बम रखा था लेकिन इसमें विस्फोट नहीं हुआ था। अदालत ने इन्हें चार सितंबर को दोषी ठहराया था। वहीं तारिक अंजुम को अन्य आरोपियों को आश्रय देने के अपराध में सोमवार को दोषी ठहराया।
25 अगस्त, 2007 को हुए थे धमाके
25 अगस्त 2007 यानी 11 साल पहले हैदराबाद में दो अलग-अलग जगहों पर बम ब्लास्ट हुए। इन धमाकों के बाद हैदराबाद समेत पूरे भारत में हड़कंप मच गया। इनमें से एक बम धमाका गोकुल चाट में हुआ, जबकि दूसरा लुंबिनी पार्क में हुआ था। शाम लगभग 7.45 बजे सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए थे, जिसमें से गोकुल चाट पर हुए विस्फोट में 32 लोगों की मौत हुई थी, जबकि लुंबिनी पार्क में 10 लोग मारे गए थे। इस विस्फोटों में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
2008 में हुई थी गिरफ्तारी
लुंबिनी पार्क में एक शख्स अपने साथ लिए हुए बैग में आईईडी लेकर पहुंचा था। चश्मदीदों के मुताबिक, बम फटने के बाद आसपास लाशों के ढेर लग गए थे। मरनेवालों में से ज्यादातर छात्र थे, जो कि महाराष्ट्र के रहने वाले थे। इस मामले में पहली गिरफ्तारी जनवरी 2009 में हुई थी। महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने अक्टूबर 2008 में इन्हें गिरफ्तार किया था। तीन अन्य आरोपियों में आईम सरगना रियाज भटकल और उसका भाई इकबाल भटकल है, जो फिलहाल फरार हैं।
दोषियों को वकील ने बताया कमजोर फैसला
वहीं दोषियों के वकील गंडम गुरुमूर्ति ने इसको बहुत ही कमजोर फैसला बताते हुए कहा है कि वे अदालत के इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे। वहीं सरकारी वकील सेशू रेड्डी ने कहा है कि आरोपी पक्ष के उच्च अदालत जाने की स्थिति में हम भी वहां अपील करेंगे।