उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद के लिए प्रभात कुमार के नाम पर अनुमोदन प्रदान कर दिया है। साथ ही राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में सदस्य (शासकीय सेवा) के लिए प्रेम कुमार सिंह का नाम अनुमोदित किया है।
राजभवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सिफारिश पर यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में प्रभात कुमार की नियुक्ति के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है।"
यह कदम जुलाई 2018 में आयोजित एलटी ग्रेड परीक्षा के प्रश्न पत्र के लीक होने के मामले में यूपीपीएससी परीक्षा नियंत्रक अंजुलता कटियार की गिरफ्तारी के बाद उठाया गया है। ऐसे में भर्तियों में भ्रष्टाचार को लेकर लंबे समय से चर्चा में रहे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की साख बचाने की जिम्मेदारी अब प्रदेश के तेज तर्रार आइएएस अधिकारी रहे प्रभात कुमार की होगी। राज्य सरकार ने उन्हें आयोग का अगला अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संस्तुति के बाद नियुक्ति की फाइल राज्यपाल राम नाईक के पास अनुमोदन के लिए भेजी गई गई थी। वह एक जुलाई को कार्यभार ग्रहण कर सकते हैं। प्रदेश सरकार को दो वर्ष इंतजार के बाद अब यूपीपीएससी अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का मौका मिला है। मौजूदा अध्यक्ष डा. अनिरुद्ध सिंह यादव की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति 15 मार्च 2016 को हुई थी और 30 जून को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं।
बेहद अहम माने जाने वाले पद कृषि उत्पादन आयुक्त तथा अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा के पद पर कार्यरत 1985 बैच के आइएएस अधिकारी डॉ. प्रभात कुमार बीती 30 अप्रैल को रिटायर हो गए थे। डॉ. प्रभात कुमार के रिटायर होने के बाद मुख्य सचिव के बाद दूसरी सबसे बड़ी कुर्सी एपीसी खाली हो गई थी।
आदित्यनाथ ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि युवाओं के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश करने वाले लोगों को सलाखों के पीछे रखा जाएगा।
आदित्यनाथ ने संवाददाताओं से कहा, "हम निश्चित रूप से अनियमितता बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। पिछले शासनकाल में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताएं हुई थीं। मैं उत्तर प्रदेश के युवाओं को आश्वस्त करना चाहूंगा कि जो लोग युवाओं के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।"
राज्य में पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए, मुख्यमंत्री ने पहले कहा था, "(राज्य) लोक सेवा आयोग में अनियमितता एक पाप है और सपा द्वारा बनाया गया गड़बड़ है।"
उन्होंने कहा, "गंदगी को साफ करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है। सरकार जीरो टोलरेंस की नीति के साथ काम कर रही है और दोषी को चाहे वह कितना भी प्रभावशाली या प्रभावशाली क्यों न हो, दंडित किया जाएगा।"