मप्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने के बाद अब पत्थर बाजों के खिलाफ भी सख्त कानून बनाया जा रहा है। इससे संबंधित कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसमें उम्र कैद से लेकर संपत्ति को होने वाले नुकसान की वसूली घटना को अंजाम देने वालों से करने का प्रावधान है।
ड्राफ्ट के अनुसार पब्लिक के अलावा प्राइवेट प्रॉपर्टी को नुकसान की भरपाई आरोपियों से की जाएगी। इस कानून में पत्थरबाजी के अलावा हड़ताल या दंगों में प्राइवेट प्रॉपर्टी को नुकसान को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। कानून में यह भी प्रावधान किया जा रहा है, आरोपियों से नुकसान की वसूली सामूहिक और निजी, दोनों होगी। यदि किसी घटना में 100 लोग शामिल हैं, तो नुकसान की रिकवरी की राशि सभी आरोपियों में बराबर-बराबर वसूली जाएगी। पत्थरबाजी के लिए उकसाने वालों से भी नुकसान की भरपाई की जाएगी।
यदि महिलाओं और बच्चों को आगे कर पत्थबाजी की जाती है, तो इसे ज्यादा संगीन अपराध माना जाएगा। ड्राफ्ट के मुताबिक धार्मिक स्थल पर खड़े होकर या महिला-बच्चे के पीछे से कोई पत्थरबाजी करता है, तो उस जगह को राजसात किया जाएगा। इसमें नेचर आॅफ क्राइम को देखते हुए कितना नुकसान, जुमार्ना और वसूली होगी, इसका फिलहाल आकंलन नहीं किया जा सकता है। ऐसे में तय किया गया कि यह कानून के तहत प्रस्तावित दावा अभिकरण (अपीलेट ट्रिब्यूनल) परिस्थितियों और साक्ष्य के आधार पर निर्धारित करेंगे। कानून में ऐसे प्रावधान किए जा रहे है, जिसमें किसी प्रदर्शन में शामिल लोगों पर भी समान जिम्मेदारी तय होगी। यदि नुकसान की भरपाई निश्चित समय सीमा में नहीं की गई तो साधारण ब्याज भी वसूला जाएगा।
ट्रिब्यूनल का गठन
नए कानून पर सुनवाई के लिए ट्रिब्यूनल का गठन होगा। ट्रिब्यूनल तीन माह में सुनवाई कर फैसला करेगा। सूत्रों ने बताया कि ड्राफ्ट को अगली बैठक में फाइनल कर लिया जाएगा। इसके बाद इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा। सरकार की मंशा इस कानून के बिल को विधानसभा के बजट सत्र में सदन में रखे जाने की है।