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अब 'नेतागिरी' के गुर सिखाएगी RSS की यह संस्था

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की संस्था ‘प्रबोधिनी’ के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेटिक लीडरशिप (आईआईडीएल) में अब सड़क से संसद तक की नेतागिरी सिखाएगी।
अब 'नेतागिरी' के गुर सिखाएगी RSS की यह संस्था

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे द्वारा बुधवार को शुरू किए गए भारतीय लोकतांत्रिक नेतृत्व संस्थान में शैक्षणिक कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम में नेतृत्व, राजनीति और शासन से जुड़े कोर्स शामिल किए जाएंगे।

पीटीआई की खबर के मुताबिक, संस्थान के अनुसार इस कोर्स का मकसद राजनीति और सार्वजनिक क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाले प्रतभागियों में जरुरी स्किल विकसित करना है। इस पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स के प्रवेश कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को ठाणे से सटे आरएसएस की थिंक टैंक माने जाने वाली संस्था रामभाऊ म्हालगी ‘प्रबोधिनी’ में किया गया।

आईआईडीएल के पहले बैच की पढ़ाई बुधवार से शुरू हुई, जिसमें महाराष्ट्र के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश के युवा शामिल हैं। पश्चिम बंगाल के अरित्र चट्टोपाध्याय एमबीए हैं। पुणे में मैकेनिकल इंजीनियर के तौर पर काम कर चुके हैं। अरित्र अब नेता बनकर पूर्वोत्तर राज्यों के विकास में योगदान देना चाहते हैं। बुधवार को नेतागिरी की पढ़ाई के पहले दिन प्रबोधिनी के वाइस प्रेसिडेंट और भाजपा उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई एचआरडी की बात नहीं करता, जबकि राजनीति में नेतृत्व शास्त्र भी है।

राज्यसभा के सदस्य और ‘प्रबोधिनी’ के उपाध्यक्ष सहस्त्रबुद्धे ने इस कोर्स के बारे में बताया कि यह पहला मौका है जब हमने नेतृत्व, राजनीति और शासन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम की शुरुआत की है। जीवन के हर पड़ाव पर हमें नेतृत्व की जरुरत पड़ती है। देश में ऐसे संस्थानों की कमी है जो इस विषय पर शिक्षा प्रदान करते हों। हमारे पास अच्छे विचारक भी नहीं है। यह पूछे जाने पर कि कोर्स के प्रतिभागियों को आज से पांच साल बाद वह कहां देखते है, तो उन्होंने कहा कि  वह उन्हें मुख्य राजनीतिक पार्टियों, स्वसंचालित संगठनों, मीडिया संस्थानों का नेतृत्व संभालते हुए देखते हैं।

उन्होंने बताया कि इस कोर्स के 32 प्रतिभागियों का चुनाव 14 राज्यों से आए 450 आवेदनों में से किया गया है। संस्थान के बारे में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि ये नेता बनाने का कोई कारखाना नहीं है बल्कि यह कोर्स पूरा करने वाले लोग सार्वजनिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकेंगे। सहस्त्रबुद्धे के मुताबिक, आज का युवा लोकतंत्र की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है। सरकार और राजनीतिक पार्टियों को कुछ ऐसे टैलेंटेड युवाओं की जरुरत है जो बदलते समय के साथ अपने विचारों और क्षमताओं को आकार दे सकें।

इतना ही नहीं उन्होंने ‘प्रबोधिनी’ की तारीफ करते हुए कहा कि प्रबोधिनी में हमने न सिर्फ बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया है बल्कि कांग्रेस, एनसीपी, बीएसपी, शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के भी कई नेताओं को हमने मार्ग दिखाया है। संगीत नाट्य एकैडेमी के चेयरमैन शेखर सेन, रिपब्लिक टीवी के चेयरमैन और एंकर अर्नब गोस्वामी ने भी कोर्स के पहले बैच को संबोधित किया।

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