आजमगढ़ में शुक्रवार को जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई थी लेकिन मरने वाली की संख्या लगातार बढ़कर 21 तक पहुंच गई है। उधर, राजधानी लखनऊ में जहरीला शराब पीने से दो लोगों की मौत का मामला भी सामने आया है जबकि पुलिस का कहना है कि यह मौत जहरीली शराब से नहीं बल्कि स्प्रिट पीने से हुई हैं। परिजन पुलिस पर मिलीभगत से गांव में अवैध शराब का कारोबार करने का आरोप लगा रहे हैं।
कच्ची शराब का किया था सेवन
आजमगढ़ की घटना सगड़ी तहसील क्षेत्र के रौनापार थाना के केवटहिया गांव की है। गुरुवार शाम को दर्जनों लोगों ने कच्ची शराब का सेवन किया है। कुछ ही देर बाद उन्हें उल्टी, पेट दर्द व आंखों में जलन की शिकायत शुरू हो गई जिस पर उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया। सबसे पहले 70 साल के रामवृक्ष की मौत हुई और फिर 40 साल के श्यामप्रीत ने दम तोड़ दिया और तब से यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब तक तीन गांवों के करीब 21 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक अजय साहनी कहते हैं, सुबरी पासवान ताड़ी बेचने का काम करता था। रात को कुछ लोगों के साथ उसने शराब पी जिससे सुबरी समेत कई लोगों की मौत हो गई। घटना में आबकारी निरीक्षक समेत चार के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
चलती है अवैध शराब की भट्टियां
उधर, लखनऊ के मोहनलाल गंज में भी दो लोगों की शराब से मौत का मामला सामने आया है जहां पर दिलीप रैदास और उसके दोस्त महेश की जहरीली शराब से मौत हो गई। मृतक दिलीप की बहन अंशु का कहना है कि शनिवार देर रात जब दिलीप घर आया तो नशे में पानी मांगा जिसके पीने के बाद उसकी तबियत बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गई। अंशु ने आरोप लगाया है कि पुलिस की मिलीभगत से मोहनलाल गंज के कई गांव में अवैध शराब की भट्टियां चलती हैं।