मिली जानकारी के अनुसार, अंबाला के महेशनगर में एक चेरिटेबल हॉस्पिटल में 24 नवंबर को संस्था सर्व कल्याण सेवार्थ समिति की ओर से मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था। जब इन मरीजों की आंखों से पट्टियां खोली गईं तो इनमें से अधिकांश लोगों ने कम दिखाई देने की शिकायत की। अधिकतर मरीज अब इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ गए हैं जहां इनकी आंखों की हालत काफी खराब बताई जा रही है।
अंबाला के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि इस कैंप में 16 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था जबकि संस्था के पास शिविर लगाने के लिए हमारी मंजूरी नहीं थी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में इस संस्था ने कैंप लगाने के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन तब भी मंजूरी नहीं दी गई थी। क्योंकि पहले हम अस्पताल का निरीक्षण करना चाहते थे और आॅपरेशन करने वाले सभी सर्जन के बारे में जानकारी चाहते थे।
डॉ. गुप्ता के मुताबिक, उनकी टीम ने अस्पताल पर छापा मारा लेकिन यह बंद है। इस सिलसिले में पुलिस ने चिकित्सा में लापरवाही का मामला दर्ज किया है। पीड़ित मरीजों को पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया है। बताया जाता है कि कई संस्थाएं अनुदान के लालच में इस तरह के शिविर लगाती हैं। गौरतलब है कि इस साल मार्च में हरियाणा के पानीपत में भी मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 13 लोगों की रोशनी जाने का मामला सामने आया था।
- एजेंसी इनपुट