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IN Pics: एम करुणानिधि को अंतिम विदाई देने पहुंचे राहुल, अखिलेश और तेजस्वी

दक्षिण की राजनीति के पितामह कहे जाने वाले डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि अब इस दुनिया में नहीं रहे।...
IN Pics: एम करुणानिधि को अंतिम विदाई देने पहुंचे राहुल, अखिलेश और तेजस्वी

दक्षिण की राजनीति के पितामह कहे जाने वाले डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि अब इस दुनिया में नहीं रहे। मंगलवार शाम 6.10 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन के साथ ही पूरे राज्य में शोक की लहर है। राज्य में एक दिन का अवकाश और सात दिन का शोक घोषित किया गया है। उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर रखा गया है।

करुणानिधि के निधन की खबर के साथ ही देश के तमाम दिग्गज नेताओं और हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बुधवार को करुणानिधि के पार्थिव शरीर को चेन्नई के राजाजी हॉल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जहां करुणानिधि के अंतिम दर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कमल हासन और रजनीकांत समेत कई नेता चेन्नई पहुंचे।

केरल के पूर्व सीएम ओमान चांडी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और उपमुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम, राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित सहित कई बड़े नेताओं ने उन्हें यहां श्रद्धाजंलि दी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और राजद नेता तेजस्वी यादव भी करुणानिधि के अंतिम दर्शन कर उनको श्रद्धाजंलि अर्पित की।   

 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी राजाजी हॉल में रखे गए एम करुणानिधि के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर श्रद्धाजंलि अर्पित की।

  

 

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी किए एम करुणानिधि के अंतिम दर्शन ...

 

अखिलेश यादव के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी करुणानिधि को श्रद्धाजंलि अर्पित की... 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चेन्नई पहुंचकर किए एम करुणानिधि के अंतिम दर्शन...

 

पीएम मोदी ने अस दौरान वहां करुणानिधि के बेटे स्टालिन और बेटी कनिमोझी से मुलाकात की...

 

सुपरस्टार रजनीकांत ने भी चेन्नई पहुंचकर दक्षिण की राजनीति के पितामह करुणानिधि के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की...

 

अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने भी करुणानिधि को श्रद्धांजलि दी....

 

 करुणानिधि को श्रद्धाजंलि देने पहुंचे लोगों से मिलकर भावुक हुए स्टालिन...

 

मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद खुश होते समर्थक....

 

करुणानिधि के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार को लेकर भी विवाद हुआ। करुणानिधि की पार्टी और उनके समर्थकों ने मांग की कि उन्हें चेन्नई के मशहूर मरीना बीच पर दफनाया जाए और उनका समाधि स्थल भी बने।

 

मोदी बोले- खो दिया महान जननेताराहुल ने बताया भारत का महान सपूत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि हमने महान जननेता खो दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत ने अपने महान सपूत को खो दिया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीसामी ने कहा कि करुणानिधि का जाना दुखद है। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने राजनीति, सिनेमा और साहित्य के क्षेत्रों में योगदान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कई ट्वीट कर करुणानिधि के निधन पर शोक जताया और उन्हें क्षेत्रीय आकांक्षाओं और देश की प्रगति के लिए खड़े होने वाला जमीन से जुड़ा जननेता बताया। उन्होंने प्रत्येक ट्वीट के साथ करूणानिधि और अपनी तस्वीरें भी साझा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि करुणानिधि के निधन से बहुत शोकाकुल हूं। वह भारत के वरिष्ठतम नेताओं में से एक थे। वह क्षेत्रीय आकांक्षाओं सहित देश की प्रगति के लिए भी खड़े रहे। वह हमेशा तमिलों के कल्याण के प्रति समर्पित रहे और सुनिश्चित किया कि तमिलनाडु की आवाज प्रभावकारी तरीके से सुनी जाए।

मोदी ने कहा कि उन्हें कई मौकों पर करुणानिधि से बातचीत करने का मौका मिला और नीतियों की उनकी समझ तथा सामाजिक कल्याण पर उनका जोर, लीक से हटकर था। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह लोकतांत्रिक विचारों के प्रति समर्पित थे और आपातकाल के खिलाफ उनके कड़े विरोध को हमेशा याद रखा जाएगा। मोदी ने कहा कि हमने जमीन से जुड़े एक ऐसे जननेता, राजनीतिक विचारक, अनुभवी लेखक और राजनेता को खोया है जिनका जीवन गरीबों और वंचित तबकों के कल्याण को समर्पित था।

उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के सदस्यों और करुणानिधि जी के असंख्य समर्थकों के साथ हैं। भारत और खास तौर से तमिलनाडु के लोग उन्हें बहुत याद करेंगे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि छह दशक तक तमिलनाडु का राजनीति में विशाल व्यक्तित्व के रूप में छाए रहने वाले करुणानिधि का निधन काफी दुखद है। भारत ने अपना महान सपूत खो दिया। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ और उन्हें चाहने वाले लाखों भारतीयों के साथ है।

14 साल की उम्र में राजनीति में किया था प्रवेश

करुणानिधि 1924 में तमिलनाडु के थिरुक्कुवालाई गांव में पैदा हुए थे। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी।जस्टिस पार्टी के अलगिरिस्वामी के एक भाषण से प्रेरित होकर करुणानिधि ने 14 साल की उम्र में राजनीति में प्रवेश किया और हिंदी विरोधी आंदोलन में भाग लिया। वह पेरियार के विचारों से भी प्रभावित थे। उन्होंने अपने इलाके के स्थानीय युवाओं के लिए एक संगठन की स्थापना की।

उन्होंने इसके सदस्यों को मनावर नेसन नामक एक हस्तलिखित अखबार परिचालित किया। बाद में उन्होंने तमिलनाडु तमिल मनावर मंद्रम नामक एक छात्र संगठन की स्थापना की जो द्रविड़ आन्दोलन का पहला छात्र विंग था। करूणानिधि ने अन्य सदस्यों के साथ छात्र समुदाय और खुद को भी सामाजिक कार्य में शामिल कर लिया।

 

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