उत्तरप्रदेश निकाय चुनावों में निर्दलीयों का प्रदर्शन शानदार रहा है। नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में तो निर्दलीय सत्ताधारी भाजपा पर भी भारी पड़े हैं। 177 नगर पंचायत अध्यक्ष निर्दलीय चुने गए हैं। यह कुल सीटों का करीब चालीस फीसदी है। भाजपा के 97, सपा के 81, बसपा के 43 और कांग्रेस के 17 नगर पंचायत अध्यक्ष जीते हैं।
शुक्रवार को आए नतीजों से यह भी पता चलता है कि शहरी इलाकों में एकतरफा जीत हासिल करने वाली भाजपा को छोटे शहरों, कस्बों और ग्रामीण इलाकों में प्रतिद्वंद्वी कड़ी टक्कर देने में कामयाब रहे हैं। नगर पंचायतों के करीब 68 फीसदी यानी चुने गए 3702 सदस्य निर्दलीय हैं। भाजपा के 640, सपा के 435, बसपा के 203 और कांग्रेस के 118 सदस्य चुने गए हैं।
नगरपालिका में भी निर्दलीय का प्रदर्शन का उल्लेखनीय रहा है। 41 निर्दलीय नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष बनने में कामयाब रहे हैं। सबसे ज्यादा 60 नगरपालिका परिषद अध्यक्ष भाजपा के हैं। सपा के 39, बसपा के 26 और कांग्रेस के केवल 7 नगरपालिका अध्यक्ष ही जीत पाए हैं। नगरपालिका परिषद के चुने गए सबसे ज्यादा 3156 सदस्य निर्दलीय हैं। यह कुल सदस्यों का 59.99 फीसदी है। चुने गए सदस्यों में से 819 भाजपा, 418 सपा, 234 बसपा और 135 कांग्रेस के हैं। हर स्तर पर बसपा और कांग्रेस पर भारी निर्दलीयों की धमक इस बात से भी समझी जा सकती है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वार्ड से जीती मुस्लिम महिला नादिरा खातून भी निर्दलीय उम्मीदवार ही हैं।