भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए शुक्रवार को जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर का दौरा करेंगे।
रक्षा अधिकारियों ने बताया, "सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शीघ्र ही श्रीनगर और उधमपुर के लिए रवाना होंगे।"
रक्षा अधिकारियों के अनुसार, सेना प्रमुख का कश्मीर घाटी में तैनात वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के अलावा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों से मिलने का कार्यक्रम है। वह घाटी में चल रही सुरक्षा स्थिति और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन के प्रयासों की समीक्षा करेंगे।
यह घटना 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में पर्यटकों पर आतंकवादियों के हमले के बाद हुई है, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे।
आतंकवादी हमले के बाद, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की, जैसे अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा।"
उन्होंने यह भी बताया कि अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। पहलगाम हमले के बाद भारत ने 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को भी रोक दिया था।
इस घटना से देश भर में आक्रोश फैल गया है और देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं तथा पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।