हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक बागी नेता के निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले ने भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों बीच की सीधी चुनावी जंग को अब त्रिकोणीय मुकाबले में तब्दील कर दिया है।
यह दूसरी बार है जब राकेश कुमार चौधरी ने टिकट नहीं मिलने पर अपनी पार्टी के खिलाफ जाने का फैसला लिया है। इसके पहले साल 2019 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद चौधरी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। चुनाव हारने के बाद चौधरी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे।