नए साल के साथ ही कश्मीर घाटी में करीब पांच महीने से बंद मोबाइल एसएमएस सेवा फिर से आधी रात से शुरू हो गई है। वहीं, सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में ब्रॉडबैंड सेवाएं भी शुरू हो जाएंगी। जम्मू कश्मीर के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने इस बात की जानकारी दी।
एसएमएस सेवाओं को बहाल करने का निर्णय पांच कश्मीरी नेताओं को रिहा करने के एक दिन बाद आया है। पूरे जम्मू और कश्मीर में सभी नेटवर्क और लैंडलाइन कनेक्शन को 5 अगस्त को सस्पेंड कर दिया गया था। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था और मोबाइल सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
प्रतिबंध के साथ बहाल की गई थी संचार सेवाएं
जम्मू में प्रतिबंध के कुछ दिनों बाद ही संचार सेवाएं बहाल कर दी गई थीं और अगस्त के मध्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी शुरू कर दी गई थीं। 18 अगस्त को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं थी। लेकिन कश्मीर में यह पाबंदी जारी रही। अक्टूबर में कश्मीर में भी पोस्ट पेड मोबाइल सेवा बहाल की गई।
एक दिन पहले ही हुई पांच कश्मीरी नेताओं की रिहाई
एक दिन पहले ही जम्मू कश्मीर के 5 पूर्व विधायकों को हिरासत से रिहा कर दिया गया। बीते अगस्त महीने में विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद से ये नेता हिरासत में थे। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला अब भी हिरासत में हैं। रिहा किए नेताओं में दो नेता पीडीपी के, दो नेशनल कॉन्फ्रेंस के और एक निर्दलीय है। इससे पहले रविवार को पीडीपी ने जम्मू कश्मीर के राजनीतिक नेताओं की रिहाई की अपनी मांग दोहराई थी।
नजरबंद हैं पूर्व मुख्यमंत्री
उमर अब्दुल्ला और मुफ्ती शहर के विभिन्न स्थानों पर नजरबंद हैं। मुफ्ती को हाल ही में शहर के सरकारी आवास में जाबेरवन रेंज की तलहटी में स्थित एक पर्यटक झोपड़ी से स्थानांतरित किया गया था। 15 दिसंबर को अब्दुल्ला के पीएसए की समीक्षा की गई थी और यह सहमति जताई गई थी कि वह अगले 90 दिनों तक हिरासत में रहेंगे।