हरसिमरत कहती हैं कि बीते सालों में कपास की फसल पर सफेद मक्खी के हमले के चलते न केवल पंजाब में बल्कि हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात में भी कपास की फसलें तबाह हुई हैं। लेकिन पंजाब विरोधी ताकतों ने यहां किसानों को भड़काया, रेल रोको अभियान चलाया, मुख्यमंत्री का घेराव किया, जबकि मुख्यमंत्री ने किसानों की बिजली-पानी माफ कर उन्हें 640 करोड़ का मुआवजा बांटा। कौर का कहना है कि जहां मुआवजा बंटा वहां आंदोलन हो रहे हैं, जिन राज्यों में कुछ भी नहीं बंटा वहां किसान शांत हैं।
यही नहीं बीते दिनों पंजाब में गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी, सिख मर्यादा और अकाल तख्त साहब का मसला चर्चा में रहा। यह संवेदनशील मु्ददे सिख वोटबैंक खराब करने के लिए उठाए गए, जो अकाली दल का मूल वोटबैंक है। इनका कहना है कि बीते नौ सालों में अकाली दल की सरकार ने राज्य का सरकारी राजस्व 5 हजार 7 सौ करोड़ रुपये से बढ़ाकर आज 30,000 करोड़ रुपये कर दिया है लेकिन कहीं कोई चर्चा नहीं है। किसानों और सिखों को अकाली दल से तोड़ा जा रहा है।
पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार बनाने का दावा कर रही है। इसपर हरसिमरत कौर कहती हैं, ‘ ‘आप’ कांग्रेस की बी टीम है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इश्तिहारों पर लगभग 524 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, इनकी सोशल मीडिया टीम भी बहुत मजबूत है। इसी झूठ के जरिये यह लोग दिल्ली में सरकार बना पाए हैं। पंजाब में भी ऐसा ही झूठ बोल रहे हैं कि ड्रग्स की तस्करी पर रोक लगा देंगे और किसानों की सारी समस्याएं हल कर देंगे। लेकिन यह कोरा झूठ है और सिर्फ वादे ही हैं।