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जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर के कुछ इलाकों को छोड़ पूरी घाटी से हटा कर्फ्यू

कश्मीर घाटी के विभिन्न जिलों में पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से जारी कर्फ्यू को स्थिति में सुधार आने के बाद आज हटा लिया गया। हालांकि राजधानी श्रीनगर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में अब भी कर्फ्यू जारी है। घाटी में आज 74वें दिन भी जनजीवन बाधित है।
जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर के कुछ इलाकों को छोड़ पूरी घाटी से हटा कर्फ्यू

जम्मू कश्मीर के घाटी के जिलों में पिछले ढाई महीने से जारी अशांति की वजह से लगाए गए कर्फ्यू से आज लोगों को राहत मिल गई। प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों के दौरान स्थिति में आए सुधार को देखते हुए सभी जगहों से आज कर्फ्यू हटा लिया। हालांकि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर के निचले इलाके के पांच पुलिस थानों और हरवन थाना क्षेत्र में कर्फ्यू जारी रहेगा, जबकि इसके अलावा कश्मीर घाटी के शेष पूरे इलाके से कर्फ्यू हटा लिया गया है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को सुरक्षाबलों की कार्रवाई में एक लड़के की मौत के चौथे दिन बाद आज हरवन पुलिस थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि कल जिन स्थानों में कर्फ्यू लगाया गया था, वहां स्थिति में सुधार के बाद आज लोगों की आवाजाही से प्रतिबंध हटा लिया गया है। अधिकारी ने कहा कि सोपोर और शोपियां में कल पथराव की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर पूरी घाटी में स्थिति कुल मिलाकर नियंत्रण में रही और श्रीनगर समेत विभिन्न जिलों और कस्बों में वाहनों और लोगों की आवाजाही भी बढ़ गई। उन्होंने कहा कि धारा 144 के तहत घाटी में लोगों के एकत्रित होने पर पर प्रतिबंध जारी है।

हालांकि अलगाववादियों की हड़ताल और प्रतिबंध के कारण घाटी में लगातार 74वें दिन भी जनजीवन प्रभावित रहा है। घाटी में चल रहे आंदोलन की अगुवाई करने वाले अलगाववादियों ने 22 सितंबर तक के लिए अपना प्रदर्शन बढ़ा दिया है। उन्होंने लोगों से आज महिला दिवस पर भी हड़ताल का समर्थन करने की अपील की है। अलगाववादियों ने इस पूरे सप्ताह के दौरान हड़ताल से किसी प्रकार की छूट देने की घोषणा नहीं की है। घाटी में आज भी दुकानें, कारोबारी प्रतिष्ठान और पेट्रोल पंप बंद हैं, जबकि सड़कों से सार्वजनिक वाहन भी नदारद हैं। इसके अलावा विद्यालय, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान भी बंद हैं। घाटी में कल पोस्टपे़ड मोबाइल सेवा बहाल कर दी गई थी, जबकि पूरी घाटी के प्रीपेड नंबरों से आउटगोइंग कॉल अब भी प्रतिबंधित है। उल्लेखनीय है कि हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद आठ जुलाई से जारी अशांति में अभी तक दो सैनिकों समेत कुल 81 लोगों की मौत हो चुकी है।

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