हरियाणा पुलिस के सूत्रों ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों को सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जिंद और फतेहाबाद जैसे संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया जा रहा है। सोनीपत के डीएम के. मकरंद पांडुरंग ने तनाव, संघर्ष, मानव जीवन को खतरा, संपत्ति को नुकसान और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने से रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत जिले में निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया।
एबीजेएएसएस के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने बताया, 'हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपना वादा पूरा नहीं किया है, इसलिए हम पांच जून से हरियाणा में जाट न्याय रैली का आयोजन करेंगे'। उन्होंने कहा, 'हमलोग शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकालेंगे, लेकिन पुलिस अगर जवाबी कार्रवाई करेगी या हिंसक तरीके से हमलोगों को रोकने की कोशिश करेगी, तो आंदोलनकारी अपना निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं'।
सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग के समर्थन में बीते फरवरी में जाट समुदाय ने आंदोलन किया था। इस दौरान हुई हिंसा में 30 लोगों की मौत हुई थी और 320 लोग घायल हुए थे। इसके अलावा करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था।
हरियाणा सरकार ने 13 मई को हरियाणा पिछड़ा वर्ग (नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण) अधिनियम, 2016 को अधिसूचित किया था। लेकिन, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत आरक्षण पर अंतरिम स्थगन आदेश दे दिया है।