घटनाक्रम से भरे दिन में आज जयललिता (67) को विधायकों की बैठक में अन्नाद्रमुक विधायक दल का नेता चुना गया। आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 11 दिन पहले जयललिता को बरी कर दिया था। शपथ ग्रहण समारोह कल सुबह 11 बजे मद्रास विश्वविद्यालय शताब्दी सभागार में होगा। उनके साथ 28 मंत्री भी शपथ लेंगे।
जयललिता ने उन पुराने मंत्रियों को बनाए रखा है जो उनके 2011-14 कार्यकाल के दौरान थे। इसमें वित्त मंत्री के रूप में उनके भरोसेमंद ओ पनीरसेल्वम, बिजली मंत्री के रूप में एन आर विश्वनाथन, आवास मंत्री के रूप में आर वैद्यलिंगम, पी. मोहन शामिल हैं। राजभवन ने मंत्रियों की आधिकारिक सूची जारी की है। जयललिता के पास गृह, पुलिस, लोक, आम प्रशासन आदि विभाग होंगे। जयललिता सहित कुल 29 लोगों को राज्यपाल के. रोसैया शपथ दिलाएंगे।
राजभवन की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यहां कहा गया है कि राज्यपाल ने मंत्रियों के बीच विभागों के आवंटन के संबंध में भावी मुख्यमंत्री द्वारा की गई सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। इसमें कहा गया है कि शपथ ग्रहण समारोह कल सुबह 11 बजे मद्रास विश्वविद्यालय शताब्दी सभागार में होगा।
पार्टी विधायक दल की नेता चुने जाने के बाद जयललिता ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें उन नामों की सूची सौंपी जिन्हें मंत्रिामंडल में शामिल किया जाना है। बैठक के बाद उन्होंने पार्टी संस्थापक एमजी रामचंद्रन और ईवी रामासामी तथा सीएन अन्नादुरई की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण भी किया। इसके पहले सुबह पनीरसेल्वम, जो पार्टी के कोषाध्यक्ष भी हैं, ने जयललिता को विधायक दल की नेता चुनने का प्रस्ताव पेश किया जिसका बिजली मंत्री एन आर विश्वनाथन ने समर्थन किया। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
पार्टी के विधायकों ने इस घोषणा का स्वागत किया और जल्दी ही राज्य के विभिन्न भागों में भी जश्न शुरू हो गया। जयललिता की दोषसिद्धि के बाद राज्य में कथित तौर पर खुदकुशी की कई घटनाएं हुई थीं। सहकारिता मंत्री सेल्लुर के राजू ने बाद में कहा, यह हमारी जिंदगी का सर्वाधिक खुशी का दिन है।
पनीरसेल्वम ने प्रस्ताव पेश करते हुए जयललिता की तारीफ की और उन्हें अन्नाद्रमुक का स्थायी महासचिव बताया। उन्होंने अपनी नेता का जिक्र करते हुए कहा कि सोना तप कर और खरा हो जाता है। विपक्षी डीएमडीके के बागी विधायकों आर सुंदरराजन, तमिल अभुागन, के पांडियाराजन और आर संथी ने जयललिता के प्रति एकजुटता दिखाते हुए अन्नाद्रमुक पार्टी के विधायक दल की बैठक में भाग लिया। पनीरसेल्वम द्वारा राज्यपाल रोसैया को अपनी कैबिनेट का इस्तीफा सौंपने के बाद राज्यपाल ने उनसे वैकल्पिक व्यवस्था होने तक अपने पद पर बने रहने को कहा।
गौरतलब है कि पिछले साल 27 सितंबर को बेंगलूरू की एक निचली अदालत ने आय से अधिक 66.66 करोड़ रुपये की संपत्ति के मामले में जयललिता को दोषी ठहराया था जिससे वह मुख्यमंत्री पद के लिए अयोग्य हो गई थीं। हालांकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 11 मई को उन्हें इन आरोपों से बरी कर दिया था।