तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के दो साल बाद अपोलो अस्पताल द्वारा उनके 75 दिन तक चले उपचार का पूरा बिल मंगलवार को जस्टिस अरुमुघसामी आयोग के समक्ष पेश किया गया। जयललिता के इलाज के दौरन करीब 6.86 करोड़ रुपये का बिल बना था। उनकी मौत की परिस्थितियों की जांच कर रहे एक पैनल को हाल ही में यह जानकारी दी गई जो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
44.56 लाख रुपये अभी भी बकाया
इसमें सिर्फ उनके रूम के किराये के लिए 24 लाख से अधिक रुपये खर्च हुए। वहीं भोजन और अन्य पेय पदार्थों का खर्च करीब 1.17 करोड़ रुपये आया था। इस बिल में 6.86 करोड़ रुपये में से 44 लाख रुपये की राशि बकाया है।
मंगलवार को लीक हो गई यह जानकारी
जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच कर रहे न्यायाधीश ए अरुमुघस्वामी आयोग को हॉस्पिटल की तरफ से दी गई जानकारी में इसका खुलासा हुआ है। मंगलवार को यह जानकारी लीक हो गई। इस जानकारी के मुताबिक, 6.85 करोड़ रुपये के बिल में से दिवंगत जयललिता की पार्टी एआईडीएमके ने 6 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। हालांकि अभी भी 44.56 लाख रुपये बकाया है।
रूम किराए पर खर्च हुए 1.24 करोड़ रुपये
बिल के मुताबिक, अस्पताल ने 71 लाख रुपए फीस, 1.92 करोड़ रुपए चिकित्सा सेवाओं जबकि 38 लाख रुपए दवाओं के लिए। इसके अलावा 92 लाख रुपए यूके से आए डॉक्टर रिचर्ड बेले और 12 लाख रुपए सिंगापुर से आए डॉक्टर की फीस के तौर पर लिए गए। जयललिता जिस कमरे में भर्ती रहीं, उसका किराया 1.24 करोड़ रुपए था। इसमें 24.1 लाख रुपए जयललित के रूम का खर्च था, जबकि अन्य लोगों के रुकने के लिए रेंट पर लिए गए कमरों पर 1.24 रुपए खर्च किए गए थे। इन कमरों में शशिकला, उनकी परिजन और अधिकारी रुके थे।
अन्नाद्रमुक द्वारा छह करोड़ रुपये का भुगतान
जयललिता के निधन के 6 महीने बाद 15 जून, 2017 को सत्तारूढ़ एआईएडीएमके की तरफ से 6 करोड़ रुपये का भुगतान दिखाया गया है। 13 अक्टूबर, 2016 को अस्पताल को 41.13 लाख रुपये दिए जाने का जिक्र है। हालांकि इसमें यह जिक्र नहीं है कि इस राशि का भुगतान किसने किया।
खाने-पीने का टोटल बिल 1.17 करोड़ रुपये
अपोलो के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि, खाने-पीने का टोटल बिल 1.17 करोड़ रुपए अकेले जयललिता के खाने का नहीं था। इसमें अधिकारी, पार्टी कैडर, मिनिस्टर्स, सेक्यॉरिटी स्टाफ और उनके करीबी जो अस्पताल में उनके इलाज के दौरान रुके थे। उनके खाने-पीने का ब्यौरा है। सिंगापुर में माउंट एलिजाबेथ अस्पताल ने जयललिता को फिजियोथेरेपी सेवाएं देने की पेशकश की थी। फिजियोथेरेपी के लिए अस्पताल को 1.29 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
5 दिसंबर, 2016 को जयललिता का निधन हो गया
75 दिन तक चले इलाज के बाद जयललिता का 5 दिसंबर, 2016 को निधन हो गया था। सितंबर 2017 में तमिलनाडु सरकार ने जांच के लिए एक पैनल बनाया जिससे कि अस्पताल में उनके हुए इलाज और निधन की वजहों का पता चल सके।