आधिकारिक तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा मिलने के बाद यहूदियों को अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की तरह कई विशेषाधिकार मिलेंगे। यहूदियों के लिए अपने विवाह का पंजीकरण कराना आसान हो जाएगा।
महाराष्ट्र में यहूदियों की आबादी का कोई विशेष आंकड़ा नहीं है। सरकार ने यहूदी फेडरेशन से इस पर जानकारी ली। फेडरेशन के मुताबिक महाराष्ट्र में ज्यू यानी यहूदी धर्म की आबादी केवल 2466 है। इस बारे में सरकार का कहना है कि ज्यू समाज की आबादी बहुत ही कम होने के कारण इनकी अलग से गणना नहीं कराई गई।
2011 के जनगणना में ज्यू धर्मियों को अन्य समाज की श्रेणी में रखा गया था। सरकार के मुताबिक अल्पसंख्यक का दर्जा मिलने के बाद अब इनका संख्या को लेकर अधिकृत आकड़ा मिल सकेगा। राज्य में मुस्लिम, र्इसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन धर्म को 2006 में अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया था। राज्य में अल्पसंख्यक का दर्जा पाने वाला यहूदी सातवां धर्म है। भारतीय यहूदी फेडरेशन ने 2015 में अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग प्रदेश सरकार से की थी।