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झारखंडःअल्‍पसंख्‍यक छात्रवृत्ति घोटाले की एसीबी करेगा जांच, मुख्‍यमंत्री ने दिया आदेश

केंद्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित विभिन्‍न छात्रवृत्ति योजना में गड़बड़ी और...
झारखंडःअल्‍पसंख्‍यक छात्रवृत्ति घोटाले की एसीबी करेगा जांच, मुख्‍यमंत्री ने दिया आदेश

केंद्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित विभिन्‍न छात्रवृत्ति योजना में गड़बड़ी और सरकारी राशि के गबन की जांच एसीबी ( एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो) करेगा। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को इससे संबंधित प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी। एसीबी को प्री मैट्रिक स्‍कॉलरशिप, पोस्‍ट मैट्रिक स्‍कॉलरशिप और मेरिट सह मिन्‍स स्‍कॉलरशिप में हुई अनियमितता की प्रारंभिक जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।

दुमका उप चुनाव के दौरान दिल्‍ली से प्रकाशित एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के हवाले से मुख्‍यमंत्री ने मामले की जांच कराने की बात कही थी। कुछ समाचार पत्रों के साथ सामाजिक कार्यकर्ता ज्‍यांद्रेज ने छात्रवृत्ति में घोटाले की चर्चा करते हुए राज्‍य सरकार को पत्र लिखा था। बतादें कि मीडिया में घोटाले की खबरें आने के बाद कुछ जिलों ने गड़बड़ी पकड़ी और इसकी एसीबी से जांच की सिफारिश की थी।

इधर सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति अल्‍पसंख्‍यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्‍याण विभाग ने सभी उपायुक्‍तों को निर्देश दिया है कि चालू वित्‍तीय वर्ष में केंद्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय द्वारा अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के विद्यार्थियों को उपलब्‍ध कराई जाने वाली छात्रवृत्ति के संबंध में प्रत्‍येक संस्‍थान एवं प्रत्‍येक आवेदक के भौतिक सत्‍यापन के संबंध में निर्धारित नीति के आलोक में इस साल 31 दिसंबर तक उपलब्‍ध कराये।

स्‍मरण रहे कि दुमका उप चुनाव का प्रचार समाप्‍त होने के दिन रात में मुख्‍यमंत्री ने दिल्‍ली से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार के हवाले इसकी जांच की बात कही थी। दुमका से पूर्व कल्‍याण मंत्री लुईस मरांडी चुनाव लड़ रही थीं। उनके कार्यकाल में यह हुआ था, तब मुख्‍यमंत्री रघुवर दास थे। ऐसे में भातपा ने तत्‍काल काउंटर करते हुए कहा था कि उसने गड़बड़ी रोकने की कार्रवाई की थी। कहा था कि 46 हजार आवेदक संस्‍थाओं में सिर्फ 3100 को अनुमति दी गई थी और दो लाख आवेदन को छांटकर 95 हजार किया गया था। दरअसल जो विद्यालय प्रबंधन, अल्‍पसंख्‍यक वित्‍त एवं विकास निगम व कल्‍याण अधिकारियों की मदद से डीबीटी के तहत मिलने वाली राशि का गबन किया गया था। जो छात्र नहीं थे उन्‍हें छात्र दिखाकर राशि निकाल ली गई थी।

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