झारखंड में भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल के खिलाफ गुरुवार को विपक्ष ने प्रदेश बंद का आह्वान किया। इस बंद का व्यापक असर देखने को भी मिला। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग आठ हजार बंद समर्थकों को हिरासत में लिया गया है। राज्य के लगभग सभी हाईवे जाम किए गए।
क्या है बंद की वजह?
विपक्ष प्रदेश की रघुबर दास सरकार की नीतियों को लेकर नाराज है। उसका मानना है कि बिल में संशोधन कर सरकार आदिवासियों की भूमि उनसे छीनने का काम कर रही है। साथ ही विवादास्पद भूमि अधिग्रहण कानून के सहारे उनकी वनभूमि को कॉरपोरेट घरानों को विकास के नाम पर देने की साजिश रच रही है।
भाजपा ने किया विकास का दावा
सूबे की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के मुताबिक इस भूमि संशोधन बिल से राज्य में विकास के नए द्वार खुलेंगे। आदिवासी की जमीन ट्रांसफर करने जैसी कोई बात नहीं है। राज्य सरकार के मुताबिक भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन प्रस्ताव किसी उद्योगपति या पूंजीपति के लिए नहीं लाया गया है बल्कि अस्पताल, स्कूल ,सड़क, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी और ट्रांसमिशन लाइन जैसी योजनाओं के तेजी से कार्यान्वयन के मकसद से लाया गया है।
सरकार का कहना है कि भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले लोगों को निश्चित तौर पर चार गुना मुआवजा मिले। साथ ही राज्य सरकार के मुताबिक संशोधन में स्पष्ट है कि स्थानीय निवासियों की सहमति से ही भूमि ली जाएगी। विरोध कर रहे विपक्ष को चुनौती देते हुए बीजेपी का कहना है कि अब कानून का सरलीकरण हुआ है। शेड्यूल एरिया तो इससे प्रभावित भी नहीं होंगे।
सीएम ने बंद को बताया विफल
झारखंड में विपक्ष के प्रदेश बंद पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि ये बंद पूरी तरह विफल रहा है। जनता ने इसे नकार दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ये दल एकसाथ बंद तो जरूर बुलाए थे, लेकिन इनमें एकजुटता नहीं है और यही वजह है कि सभी अल-थलग ही रहे। साल 2019 के चुनाव में नकारत्मक सोच वाले विपक्ष को जनता सबक सिखाएगी। भूमि अधिग्रहण पर विपक्ष भ्रम फैला रहा है। कानून में कोई छेड़छाड़ नहीं किया गया है.। बस सरलीकरण किया है, जिनकी जमीन जाएगी, उन्हें आठ महीने में मुवावजे मिल जाएगा।‘
मालूम हो कि 12 अगस्त 2017 को ही विधानसभा में इस संशोधन को ध्वनिमत से पारित किया गया था।
Jharkhand: Opposition parties call for shutdown across the state against state government's Land Acquisition Bill; visuals from Ranchi. pic.twitter.com/ac6h9Sa2ec
— ANI (@ANI) July 5, 2018