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झारखण्‍ड : 91277 करोड़ का बजट पेश, कोई नया कर नहीं, मजदूरों और किसानों पर फोकस

राज्‍य के वित्‍त मंत्री डॉ रामेश्‍वर उरांव ने झारखण्‍ड विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच...
झारखण्‍ड : 91277 करोड़ का बजट पेश, कोई नया कर नहीं, मजदूरों और किसानों पर फोकस

राज्‍य के वित्‍त मंत्री डॉ रामेश्‍वर उरांव ने झारखण्‍ड विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच वित्‍तीय वर्ष 2001-2022 का 91277 करोड़ का बजट पेश किया। बजट भाषण कोई सवा घंटे चला। बजट में किस नये कर का प्रावधान नहीं किया गया है। यह पिछले साल के बजट से करीब 4900 करोड़ अधिक का है। विपक्षी सदस्‍य वित्‍त मंत्री के भाषण के दौरान वेल में बैठे रहे। विरोध प्रदर्शन करने वे सरकार विरोधी नारा लिखे, भगवा रंग का टीशर्ट पहनकर आये थे। बजट में ग्रामीण अर्थव्‍वस्‍था और कृषि पर जोर है। उन्‍होंने कहा कि विकास दर पटरी पर आने लगी है। अपने भाषण में वित्‍त मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में केंद्र सरकार से अपेक्षित मदद नहीं मिली। अपने संसाधन के बूते बेहतर काम किया गया। राज्‍य का हिस्‍सा देने में भी केंद्र ने कोताही की और आरबीआइ के माध्‍यम से दो बार डीबीसी का बकाया पैसा काट लिया गया। इस पर उन्‍होंने चिंता जाहिर की। बजट में आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 30917 करोड़, सामान्‍य प्रक्षेत्र के लिए 26734 करोड़, सामाजिक क्षेत्र के लिए 33625 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था और किसानों पर जोर

ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था और किसानी पर फोकस करते हुए इसके लिए बजट में 18653 करोड़ का प्रावधान किया गया है जो पिछले साल की तुला में करीब 11 प्रतिशत अधिक है। किसानों की ऋण माफी योजना के तहत बजट में 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। समेकित कृषि बिरसा ग्राम योजना के तहत हर जिले में किसान सर्विस सेंटर की स्‍थापना की जायेगी। उनके उत्‍पाद को बाजार उपलब्‍ध कराया जायेगा, इसके लिए 61 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। खेती के लिए सिंचाई में सुविधा की खातिर हर प्रखंड में सोलर आधारित डीप बोरिंग की व्‍यवस्‍था होगी। इसके लिए 2145 करोड़ का प्रावधान किया गया है। नीलांबर-पीतांबर योजना के तहत एक लख हेक्‍टेयर जमीन का उपचार किया जायेगा। किसान समृद्धि योजना के तहत 45.83 करोड़ का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बदले नई फसल राहत योजना शुरू होगी। किसानों को उपज का बेहतर मूल्‍य मिले, मार्केट लिंकेज हो इसके लिए चेंबर ऑफ फार्मर्स की खातिर 7 करोड़ का प्रावधान किया गया है। शहरों में खाली पड़ी जमीन पर गृह वाटिका विकसित कर फल और सब्जियां उगाई जायेंगी। बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 26 हजार एकड़ में फलदार पौधे लगाये जायेंगे। उद्यान प्रोत्‍साहन सोसाइटी के गठन के लिए दस करोड़ का प्रावधान किया गया है। 31 करोड़ की लागत से 24 कोल्‍ड स्‍टोरेज का निर्माण किया जायेगा। मछुआरों को मत्‍स्‍य और नाव अनुदान दिये जायेंगे। इस वर्ष दो लाख 65 हजार मिट्रिक टन मछली उत्‍पादन का लक्ष्‍य रखा गया है। 231 तालाब, आहर और सिंचाई योजनाओं के पुनरुद्धार का लक्ष्‍य है। सभी किसानों को एक जोड़ा बैल दिया जायेगा और प्रमंडलीय मुख्‍यालयों में गो मुक्ति धाम की स्‍थापना की जायेगी जहां बीमार गायों को रखा जा सके। करीब 54 करोड़ की लागत से 51 नयी वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का भी प्रावधान है।

सब की चिंता

वित्‍त मंत्री रामेश्‍वर उरांव ने कहा कि यह बजट सब को भोजन और न्‍याय वाला बजट है। सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन योजना लागू करने का निर्णय किया है। नीति आयोग की बैठक में मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन ने कहा था कि ग्रामीण इलाकों में भ्रमण के दौरान लोग कहते हैं उन्‍हें पेंशन नहीं मिलती, जबकि अधिकारी कहते हैं कि लक्ष्‍य पूरा हो गया है। बचे हुए लोगों को भी पेंशन का लाभ देने के लिए उन्‍होंने यूनिवर्सल पेंशन योजना की वकालत की थी। जिसका बजट में प्रावधान किया गया है। इससे बुजुर्ग, विधवा और विकलांग लाभान्वित होंगे। 60 साल से अधिक उम्र के गरीबों का पेंशन कार्ड बनाया जायेगा। कुपोषण से लड़ने के लिए पांच सौ करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।

प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली सड़कों की फोरलेनिंग का बजट में प्रावधान किया गया है। धनबाद, गिरिडीह और देवघर में रिंग रोड तथा माइनिंग कॉरिडोर का प्रावधान किया गया है। शहरी इलाकों में प्रदूषण नियंत्रण के विचार से सभी निकायों में कचरा प्रबंधन इकाई की व्‍यवस्‍था की जायेगी। सड़कों, गलियों में रोशनी का इंतजाम रहे इसके लिए एलईडी स्‍ट्रीट लाइट की व्‍यवस्‍था होगी।

अन्‍य महत्‍वपूर्ण घोषणाएं

मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के नाम से छात्रवृत्ति योजना
गुरूजी किचन योजना
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