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अपने बेटे के खिलाफ बगावत करेंगे कांग्रेस के नेता, अटकलों का बाजार गरम

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता व पूर्व सांसद फुरकान अंसारी कांग्रेस से बगावत कर झामुमो में जा सकते हैं।...
अपने बेटे के खिलाफ बगावत करेंगे कांग्रेस के नेता, अटकलों का बाजार गरम

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता व पूर्व सांसद फुरकान अंसारी कांग्रेस से बगावत कर झामुमो में जा सकते हैं। राजनीतिक हलकों में ऐसी चर्चा तेज है। बगावत उसी कांग्रेस से जिसमें उनके पुत्र डॉ इरफान प्रदेश कार्यकारी अध्‍यक्ष हैं। हालांकि फुरकान के झामुमो में जाने को लेकर कोई सामने बोलना नहीं चाहता। दरअसल फुरकान अंसारी ने बिहार विधानसभा में अन्‍य राज्‍यों में उप चुनाव में कांग्रेस की पराज के बाद केंद्रीय नेतृत्‍व पर ही सवाल उठा दिया था।


राहुल गांधी से लेकर प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह पर भी। वैसे फुरकान आरपीएन सिंह पर पहले से हमलावर रहे हैं। जब राज्‍यसभा के टिकट से वंचित हो गये थे उस समय भी आरपीएन पर भड़ास निकाला था। बोकारो में कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ सख्‍त टिप्‍पणी के बाद पार्टी ने उन्‍हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उसकी एक सप्‍ताह की मियाद खत्‍म हो गई मगर फुरकान अंसारी ने जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा।

कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष रामेश्‍वर उरांव के कोरोना पॉजिटिव हो जाने के कारण प्रदेश कार्यकारी अध्‍यक्ष केशव महतो कमलेश के हस्‍ताक्षर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। केशव महतो कमलेश ने आउटलुक से कहा कि मियाद खत्‍म हो गई है मगर फुरकान अंसारी का जवाब नहीं आया है। रामेश्‍वर उरांव से विमर्श के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। फुरकान के झामुमो में जाने की चर्चा से जुड़े सवाल पर कहा कि उन्‍हें इसकी जानकारी नहीं है। उनके पुत्र इरफान से संपर्क करने की कोशिश की गई उन्‍होंने बात नहीं की।

कांग्रेस के एक वरिष्‍ठ नेता ने कहा कि फुरकान अंसारी के लिए कांग्रेस का दरवाजा एक प्रकार से बंद हो गया है। हाल के चुनावी पराजय के बाद देखा देखी नेतृत्‍व के खिलाफ आवाज उठने लगी है। कम समय में ही पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष का चुनाव होना है। ऐसे में नेतृत्‍व नहीं चाहता कि आवाज ज्‍यादा मुखर हो। एक बड़े नेता पर कार्रवाई के बाद दूसरे खामोश हो जायेंगे। झारखंड अलग राज्‍य बनने के बाद संसद पहुंचने वाले फुरकान झारखंड के एकमात्र मुस्लिम नेता हैं। फुरकान अंसारी का कांग्रेस में चालीस साल का सफर है। 1980 से इंदिरा गांधी के समय से कांग्रेस में हैं। सात बार विधायक और संयुक्‍त बिहार में मंत्री भी रहे। माना जा रहा है कि फुरकान अपनी उपेक्षा से ऊब से गये हैं अब नया रास्‍ता तलाश रहे हैं। उनके करीबी बताते हैं कि झामुमो में वे संपर्क साध रहे हैं। झामुमो में वरीय अल्‍पसंख्‍यक नेता का अभाव है। झामुमो के एक मंत्री भी थे तो उनका हाल में निधन हो गया है। झामुमो का दरवाजा खुला तो उनकी जगह बन सकती है।

सच यह भी है कि फुरकान ने नोटिस का जवाब भले न दिया हो मगर ट्वीटर पर अभी भी राहुल और कांग्रेस के ट्वीट को लगातार री ट्वीट कर रहे हैं। तो भाजपा पर हमलावर हैं। कांग्रेस के एक वरिष्‍ठ नेता ने कहा कि फुरकान झामुमो में जाने की गलती नहीं करेंगे। यहां झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार है। बिना कांग्रेस काम नहीं चलने वाला। झामुमो का दरवाजा फुरकान के लिए खुलेगा, कहना आसान नहीं है।

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