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झारखंडः कांग्रेस विधायक ममता देवी को पांच साल की सजा, विस से सदस्यता खत्म; अब तक गई छह की मेंबरशिप

रांची। गोला (रामगढ़) गोली कांड में अदालत ने रामगढ़ से कांग्रेस विधायक ममता देवी को दोषी करार देते हुए...
झारखंडः कांग्रेस विधायक ममता देवी को पांच साल की सजा, विस से सदस्यता खत्म; अब तक गई छह की मेंबरशिप

रांची। गोला (रामगढ़) गोली कांड में अदालत ने रामगढ़ से कांग्रेस विधायक ममता देवी को दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई है। हजारीबाग के एमपी एमएलए विशेष कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आठ दिसंबर को ही ममता देवी सहित 13 लोगों को दोषी करार दिया था। इन्‍हें 307, आर्म्स एक्ट सहित आधा दर्जन धाराओं में दोषी करार दिया था। दोषी करार दिये जाने के बाद इन्‍हें जेल भेज दिया गया था। मंगलवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए  अदालत ने ममता देवी को पांच साल की सजा सुनाई है। दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। हजारीबाग जिला जज चतुर्थ कुमार पवन की अदालत ने सजा सुनाई। ममता देवी के सजा के बिंदु पर 12 दिसंबर को ही फैसला आना था मगर एक अधिवक्‍ता की मौत के कारण फैसला 13 दिसंबर को सुनाया गया।

बता दें कि वर्ष 2016 में 29 अगस्‍त को रामगढ़ के गोला में आइपीएल कंपनी के विरोध में कंपनी के सामने ममता देवी के नेतृत्‍व में नागरिक चेतना मंच के बैनर तले करीब डेढ़-दो सौ ग्रामीण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान भीड़ के उग्र होने पर पुलिस को आत्‍मरक्षार्थ फायरिंग करनी पड़ी जिसमें कुछ लोगों की मौत हो गई थी। करीब ढाई दर्जन लोग घायल हो गये थे। मौके पर तैनात सीओ, बीडीओ सहित सहित अनेक पुलिस कर्मी घायल हुए थे। इस सिलसिले में चार मामले दर्ज कराये गये थे।

अदालत द्वारा पांच साल की सजा के बाद ममता देवी की विधानसभा से सदस्‍यता समाप्‍त हो जायेगी। हालांकि ममता देवी ऐसी पहली विधायक नहीं हैं जिनकी विधायक रहते सदस्‍यता समाप्‍त होगी। इसी विधानसभा के सदस्‍य रहे और झारखंड विकास मोर्चा से कांग्रेस के शामिल हुए मांडर विधायक बंधु तिर्की की सदस्‍यता भी आय से अधिक संपत्ति मामले में समाप्‍त हो चुकी है। आय से 6.28 लाख रुपये अधिक संपत्ति मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने सजा सुनाई थी। बंधु कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्‍यक्ष भी थे। उप चुनाव में अब उनकी बेटी शिल्‍पी नेहा तिर्की वहां से विधायक चुनी गई हैं।

वैसे अब तक ममता सहित छह विधायकों की सदस्‍यता विभिन्‍न कारणों से खत्‍म हो चुकी है। इसके पहले  सीओ के साथ मारपीट के मामले में सिल्ली से विधायक रहे अमित महतो की सदस्‍यता खत्‍म हुई थी। बाद में सिल्‍ली से अमित की पत्‍नी सीमा महतो विधायक चुनी गईं। 2018 में ही कोयला चोरी के मामले में अदालत ने गोमिया विधायक योगेंद्र प्रसाद को पांच साल की सजा सुनाई। और उनकी सदन से सदस्‍यता खत्‍म हुई। उप चुनाव में अमित महतो की तरह योगेंद्र प्रसाद की पत्‍नी बबिता देवी विधायक चुनी गईं।

प्रदेश ही नहीं देश के ख्‍यात न्‍यूरो चिकित्‍सक डा. केके सिन्हा (अब स्‍वर्गीय) से रंगदारी और मारपीट के दो दशक पुराने मामले में अदालत से सजा के बाद वर्ष 2015 में लोहरदगा के तत्कालीन विधायक कमल किशोर भगत विधानसभा से सदस्‍यता खत्‍म की गई थी। पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्‍या के मामले में अदालत ने कोलेबिरा विधायक एनोस एक्‍कता को 2018 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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