कराटे नेशनल चैंपियन शिप में दो गोल्ड मेडल हासिल करने वाली रांची की विमला मुंडा अब हड़िया ( चावल सड़कर बनने वाली शराब ) नहीं बेचेगी, नौकरी करेगी। विमला की तरह राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय खेल में प्रतिभा दिखाने वाले खिलाड़ियों को सीधे नौकरी मिलेगी। विमला को खराब आर्थिक स्थिति के कारण परिवार चलाने के लिए हड़िया बेचकर जीवन यापन करना पड़ रहा है। सोशल मीडिया में खबर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री ने विमला के मामले में रांची के डीसी व खेल सचिव को मदद कर सूचित करने का निर्देश दिया था। विमला की तरह और भी खिलाड़ी हैं जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में कीर्तिमान कायम किया है मगर आर्थिक तंगी और सरकार के सहयोग के अभाव में सब्जी बेच, दुकान चला या रेजा-कुली का काम कर जीवन यापन कर रहे हैं।
रामगढ़ में ही एथलीट गीता जिसने राज्यस्तरी प्रतियोगिताओं में आठ गोल्ड मेडल हासिल किया था, नेशनल ईस्ट जोन में भी पदक हासिल किया मजबूरी में सड़क किनारे सब्जी बेच रही थी। मुख्यमंत्री का ध्यान जाने के बाद बीते जून माह में प्रशासन की ओर से 50 हजार रुपये की मदद की गई और तीन हजार रुपये मासिक वजीफा का वादा किया गया। इसी तरह नेशनल तीरंदाजी में कांस्य पदक हासिल करने वाली सोनी खातून धनबाद में सब्जी बेच जीवन यापन कर रही थी।
सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने के बाद जून महीने में ही मुख्यमंत्री की ओर से उसे 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी गई। साउथ ईस्ट एशियन तीरंदाजी में दो-दो स्वर्ण पदक हासिल करने वाले जमशेदपुर के अशोक सोरेन के मनरेगा मजदूर के रूप में काम करने, कबड्डी में राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुकी शांति के जमशेदपुर के सोनारी में सब्जी बेचने तो बास्केट बॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी पूर्णिमा को क्लब में स्वीपर के रूप में काम करने और थ्रो बॉल में मलेशिया में भारत को गोल्ड दिलवाने वाले रांची के अमरदीप के मलेशिया यात्रा के ही कर्ज में डूबे रहने के किस्से मीडिया में सुर्खिया बनते रहे। हॉकी, तीरंदाजी और फुटबॉल के अनेक खिलाड़ियों को इसी तरह खराब आर्थिक स्थिति के कारण दुर्दिन का सामना करना पड़ता रहा है। अब यह समस्या दूर होगी।
दरअसल राज्य सरकार ने झारखंड स्पोर्ट्स पर्सन्स पोर्टल का सोमवार को शुभारंभ किया है। जिसकी मदद से यहां के खिलाड़ियों का डाटा बेस तैयार किया जायेगा। ताकि प्रतिभावान खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें और निखारा जा सके। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि प्रथम चरण में एक माह के भीतर विमला सहित 32 खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा। खेल नीति भी बनाई जा रही है इसके तहत दुर्घटनाग्रस्त और बीमार पड़ने पर भी इनकी सरकार मदद करेगी। हेमंत सरकार की पहल ने उपेक्षित खिलाड़ियों में उम्मीद की किरण जगाई है।