झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने मंगलवार को डीजीपी नीरज सिन्हा से पूछा कि उनकी 29 वर्षीय आदिवासी को प्रताड़ित करने के आरोप के बाद निलंबित भाजपा नेता सीमा पात्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
भगवा पार्टी ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की पत्नी पात्रा को निलंबित कर दिया है, जिसके बाद महिला सुनीता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पात्रा की गिरफ्तारी की मांग के साथ वायरल हो गया।
विभिन्न आदिवासी संगठनों के सदस्यों ने राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) का दौरा किया, जहां महिला का इलाज चल रहा है और उससे मुलाकात की।
सूत्रों ने बताया कि एक सरकारी कर्मचारी की गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए रांची पुलिस ने पिछले हफ्ते महिला को पात्रा के घर से छुड़ाया और मंगलवार को मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज कराया।
पात्रा ने कथित तौर पर महिला को पिछले कई सालों से रांची के पॉश अशोक नगर इलाके में अपने आवास में बंदी बनाकर रखा था।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पात्रा के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।"
उन्होंने कहा, "पीड़िता सदमे की स्थिति में है। उन्होने दावा किया था कि उसे अपना पेशाब चाटने के लिए मजबूर किया गया था और उसके दांत टूट गए हैं।"
पात्रा अपने पति के साथ रहती हैं। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
इस बीच राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'रांची के अशोक नगर स्थित रोड नंबर 1 निवासी सीमा और एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की पत्नी पात्रा द्वारा घरेलू सहायिका सुनीता को बेहद अमानवीय तरीके से प्रताड़ित किए जाने की खबर पर राज्यपाल श्री रमेश बैस ने संज्ञान लिया है।"
राज्यपाल ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक से पूछा है कि पुलिस द्वारा अब तक दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। राज्यपाल ने पुलिस की ढिलाई पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है।
आदिवासी जनपरिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि आदिवासी महिलाओं पर इस तरह का अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एक अन्य आदिवासी संगठन केंद्रीय सरना समिति ने कहा कि उसके सदस्य बुधवार को यहां एससी/एसटी पुलिस स्टेशन जाएंगे।
भाजपा के पूर्व मंत्री निर्दलीय विधायक सरयू राय ने ट्वीट किया, ''कानूनी कार्रवाई शुरू करने से पहले भाजपा झारखंड को घरेलू सहायिका पर अत्याचार करने वाली मैडम सीमा पात्रा के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।