सोमवार को झारखंड विधानसभा में पेश अवश्वास प्रस्ताव पर अपना पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार के खिलाफ बीते 25 अगस्त से ही साजिश रची जा रही है। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने मेरी सदस्यता रद कर दी है लेकिन आज तक लिफाफा नहीं खुला।
बीच में चुटकी लेते हुए कहा कि राज्यपाल पीछे के दरवाजे से निकल गये और समरी लाल फर्जी प्रमाण पत्र पर विधायक बनकर बैठे हुए हैं। चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं करता। भाजपा चाहती है विधायकों को खरीद लिया जाये। वाकआउट कर रहे भाजपा विधायकों से उन्होंने कहा कि सदन छोड़कर भागे नहीं, हमारी बात भी सुन ले। मैदान छोड़कर भागे नहीं देख ले कि हम सदन के भीतर कितने मजबूत हैं। सब्जी, राशन और कपड़ा खरीदने की बात सुनी थी मगर भाजपा विधायक खरीद रही है।
भाजपा राज्यों में गृह युद्ध के हालात बना रही है। गैर भाजपा शासित राज्यों को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है। मैं आंदोलनकारी का बेटा हूं। डरने वाला नहीं हूं न ही किसी को डराउंगा। विपक्ष ने तंत्र को समाप्त कर दिया है सिर्फ लोक बचा है। लोकतंत्र को बचाना हमारे सरकार की प्राथमिकता है। मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से हमारी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। राज्य में सुखाड़ है मगर भाजपा को इसकी चिंता नहीं है। अगली बार भाजपा यहां जमानत भी नहीं बचा पायेगी।
अपने काम और योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि हमारी सरकार 1932 का खतियान लागू करने की तैयारी में है। ओबीसी के आरक्षण के मामले में भी जल्द आगे बढ़ेंगे। जल्द निर्णय करेंगे। सब का साथ और सबका विकास का नारा देने वालों ने सिर्फ व्यापारियों को मदद की। पेंशन देने के लिए इनके पास पैसे नहीं हैं। प्रारंभ से ही हमें चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कोरोना का लगातार मुंहतोड़ जवाब दिया।
यूपीए की सरकार नहीं होती तो पता नहीं गरीब, दलित और आदिवासियों का क्या होता। ये बोलते हैं कि हवाई जहाज पर हवाई चप्पल वालों को चढ़ायेंगे और इन्हें सड़क पर लाकर छोड़ दिया। 2014 से ही लोकतंत्र को बेचने का लगातार प्रयास हो रहा है। देश आजादी का 75 वां वर्षगांठ मना रहा है। मगर भाजपा वालों ने तो झंडा बेचने का भी काम किया।