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हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट का झटका, समन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

झारखंड हाई कोर्ट से मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है। रांची जमीन घोटाला मामले में ईडी के...
हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट का झटका, समन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

झारखंड हाई कोर्ट से मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है। रांची जमीन घोटाला मामले में ईडी के समन को चुनौती देने वाली याचिका को अदालत ने खारिज कर दी, कहा कि याचिका सुनवाई के योग्‍य नहीं है। शुक्रवार को हाई कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश संजय कुमार मिश्र और न्‍यायमूर्ति आनंद सेन की पीठ में मामले की सुनवाई हुई।

अदालत में सुनवाई के दौरान सीएम की ओर से वरीय अधिवक्ता पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल और अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने पक्ष रखा वहीं ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने बहस की। सुनवाई के दौरान खंड पीठ ने कहा कि जिस समन को चुनौती दी गई है उसका समय बीत चुका है। इसलिए यह याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है।

वहीं, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट समन के मामले को डिसाइड कर चुका है इसलिए इस याचिका को खारिज कर देना चाहिए। वहीं हेमंत सोरेन की ओर वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सर्वोच्‍च न्‍यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि अगर आप किसी मामले में आरोपी नहीं हैं और आपके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं है तब समन जारी नहीं किया जा सकता।

बता दें कि हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर ईडी के समन के अधिकार को चुनौती दी गई थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी। उस आलोक में 23 सितंबर को हेमंत सोरेन की ओर ससे झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। समन को चुनौती देते हुए अदालत से आग्रह किया गया कि ईडी के समन के आलोक में उनके खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाई जाये। चार अक्‍टूबर को भी समन के आलोक में ईडी कार्यालय जाने के बदले हेमंत सोरेन एक सरकारी कार्यक्रम में पलामू चले गये और ईडी के सहायक निदेशक के नाम पत्र भेजकर कहा कि उच्‍च न्‍यायालय में मामला लंबित है।

अदालत के फैसले तक समन की कार्रवाई नहीं की जाये। रांची जमीन घोटाला मामले में ईडी की ओर से अब तक हेमंत सोरेन को पूछताछ पांच बार 14 अगस्‍त, 24 अगस्‍त, 9 सितंबर, 23 सितंबर और चार अक्‍टूबर को बुलाया गया था मगर वे एक बार भी नहीं गये। बल्कि ईडी को ही पत्र लिखकर अधिकार को चुनौती देते हुए साजिश के तहत परेशान करने का आरोप लगाया था। ईडी के समन को लेकर खूब राजनीति हुई। झामुमो कहता रहा कि ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों को सरकार विरोधियों को परेशान करने का टूल बना रखा है तो भाजपा कहती रही कि जब गड़बड़ी नहीं की तो ईडी के सामने जाने से डर कैसा। अब लोगों की नजर ईडी और हेमंत सोरेन की ओर है।

हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद अब हेमंत सोरेन के सामने सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्‍प है। बता दें कि रांची जमीन घोटाला मामले में रांची के पूर्व डीसी आईएएस अधिकारी छवि रंजन, यहां के बड़े कारोबारी न्‍यूक्लियस मॉल के मालिक विष्‍णु अग्रवाल सहित 13 लोग जेल में बंद हैं।

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