पुलिस सूत्रों ने बताया कि मारे गए माओवादियों के कब्जे से एक इनसास राइफल और 300 जिंदा कारतूस सहित सात हथियार बरामद किए गए हैं। हालांकि पुलिस ने मारे गए माओवादियों के नाम का खुलासा नहीं किया है लेकिन बताया कि इस मुठभेड़ में एक शीर्ष माओवादी भी मारा गया है जो लातेहार में ‘पेट में बम’ छुपाकर रखने के मामले में लिप्त था।
पलामू के पुलिस महानिरीक्षक ए. नटराजन ने इस बात की पुष्टि की है कि मारे गए माओवादियों में चार नाबालिग भी शामिल हैं। पुलिस को सूचना मिली थी कि माओवादी शाम को सतबरवा पुलिस थाना क्षेत्र बकोरिया गांव से होकर गुजरने वाले हैं। इस गुप्त सूचना के आधार पर पलामू पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने भलवाही गांव को घेर लिया।
अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक (ऑपरेशन) एस. एन. प्रधान ने बताया कि दो स्कोर्पियो कार में जा रहे माओवादियों को पुलिस ने रुकने और समर्पण करने के लिए कहा। एक गाड़ी तो तेजी से निकल गई लेकिन दूसरे वाहन से नक्सली उतर कर पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे। माओवादी हफ्ता वसूली करने और कुछ बीड़ी पत्ता ठेकेदारों को धमकाने के लिए निकले थे।
स्थानीय सूत्रों का कहना था कि मारे गए लोग यदि उग्रवादी थे तो क्या वे चार बच्चे भी उग्रवादी थे? पुलिस इन सवालों का जवाब देने में उलझी हुई है और इसलिए मारे गए माओवादियों के नामों का खुलासा करने से हिचकिचा रही है।