रांची। कई राज्यों में आतंक का पर्याय रहा, झारखंड में एक करोड़ रुपये का इनामी माओवादी प्रशांत बोस आखिर पकड़ा गया। प्रशांत बोस के साथ उसकी पत्नी शीला मरांडी को भी गिरफ्तार किया गया है। बूढ़ा हो चुका प्रशांत बोस अपनी पत्नी के साथ इलाज कराने सरायकेला पहुंचा था, वहीं पुलिस ने उसे धर दबोचा।
पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना का रहने वाला प्रशांत बोस, किशन दा उर्फ मनीष, बूढा नाम से चिर्चित था। हालांकि पुलिस अभी तक गिरफ्तारी की औपारिक पुष्टि नहीं कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार कुछ माह पूर्व से पुलिस फ्रेंडली बने कुख्यात माओवादी दस लाख के इनामी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक की निशानदेही पर प्रशांत बोस को सरायकेला से गिरफ्तार किया गया।
पांच दशक से वह आंध्र, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड छत्तीसगढ़, ओडिशा में संगठन विस्तार, ऑपरेशन की रणनीति में लगा रहता था। करीब 94 साल का प्रशांत बोस कुछ वर्षों से उम्र जनित बीमारियों के कारण अशक्त हो गया था। इसके बावजूद संगठन में उसकी पकड़ थी, सम्मान था। कई लेयर वाले सुरक्षा दस्ते में रहता था। गिररिडीह के पार्श्वनाथ ही पहाड़ियों से लगकर सारंडा तक में उसका ठिकाना रहता था। अस्वस्थता के कारण हाल के वर्षों में सारंडा ही उसका ठिकाना था। यहां मूलत: चमन करमचंद हांसदा उसकी देखभाल करता था। खुद चमन पर 25 लाख का इनाम है। जिंदा यो मुर्दा पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती थी। धनबाद के टुंडी की रहने वाली नक्सली शीला मरांडी से उसने शादी कर ली थी।
झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र में करीब एक सौ नक्सल ऑपरेान का मास्टर माइंड माना जाता था। कई बार उसके दस्ते की पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई मगर हर बार बच निकला। कुछ साल पहले एक पुलिस ऑपरेशन के दौरान नक्सली भाग निकले तो पुलिस को एक डोली और प्रशांत बोस से संबंधित सामान मिले थे। तब पुलिस को जानकारी हुई कि प्रशांत बोस कमजोर हो गया है और लोग उसे डोली में ढोने लगे हैं। बीच में उसके मौत की खबर भी उड़ी थी। मगर वह नक्सलियों की रणनीति का हिस्सा था।