रांची में मॉब लिंचिंग मामले पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। इधर रांची पुलिस ने लापरवाही के आरोप में कोतबाली के दारोगा सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष ने मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने वेल में आकर शोर मचाया। तो माले विधायक विनोद सिंह ने भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि चोरी का मामला था और जनता की पिटाई से उसकी मौत हुई है। उन्होंने सदन को दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
रांची के अपर बाजार से रविवार को ट्रक चोरी के शक में 22 साल के युवक सचिन कुमार वर्मा को चालीस लोगों ने बांधकर जम कर पीटा और रॉड से दागा था परिणाम स्वरूप सोमवार की सुबह उसकी मौत हो गई थी। पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सचिन के परिजनों ने लाश के साथ कोतबाली थाना पहुंच थाने का घेराव किया था। रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कोतवाली थाना के दारोगा वैभव सिंह, जमादार विजय शंकर सिंह और विश्राम तिग्गा को निलंबित कर दिया है। वहीं सिटी एसपी सौरव को जांच का जिम्मा सौंपा है। मामले की निष्पक्ष जांच के लिए दूसरे थाना के इंस्पेक्टर को आईओ बनाया गया है। इधर सचिन की मां के बयान के आधार पर चालीस लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इस सिलसिले में पुलिस ने अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है। मेडिकल बोर्ड की निगरानी में सचिन का पोस्टमार्टम कराया गया, उसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई है। इधर पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है, वीडियो फुटेज तलाशे जा रहे हैं। पकड़े गये लोगों से पूछताछ हो रही है। सचिन की मां का कहना है कि उसका बेटा चोर नहीं बिजली मिस्त्री था। थाना लाने के बाद पुलिस ने भी बेरहमी से पीटा। मेरी आंखों के सामने पानी मांगते हुए उसने दम तोड़ दिया। जब वह खुद अपने परिवार के एक सदस्य के साथ पानी का बोतल लेकर पहुंची तो पुलिस वाले ने कहा कि यह चोर है और चोर को यहां पानी नहीं पिलाया जाता, पिटाई की जाती है। हमलोगों को भी पीटने की धमकी देते हुए पुलिसवाले ने भगा दिया। अंतत: जन्मदिन के दिन ही सोमवार की सुबह उसकी मौत हो गई।