झारखंड के लोहरदगा जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई है। एक बुजुर्ग दंपती ने झाड़ फूंक के लिए जाने से इनकार किया तो दोनों की टांगी के काटकर हत्या कर दी गई।
झारखंड डायन बिसाही को लेकर बदनाम है। जनजातीय और ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास इस कदर पसरा हुआ है कि किसी के बीमार पड़ने पर लोग डॉक्टर के पास जाने के बदले ओझा गुनी के पास, झाड़ फूंक के लिए पहले जाते हैं। किसी के परिवार में कोई बीमार हो जाये, कोई असमय मर जाये, जानवर मर जाये, खेत की फसल खराब हो जाये, कुआं सूख जाये तो लोगों को लगता है किसी ने जादू-टोना कर दिया है। ऐसे में शक में वैसा व्यक्ति शिकार हो जाता है जो झाड़ फूंक करता है या जिस पर डायन बिसाही का शक हो। ऐसे लोगों की हत्या की आये दिन खबरें आती रहती हैं।
मगर लोहरदगा के सुदूर नक्सल प्रभावित पेशरार प्रखंड के पुतरार गांव से कुछ अलग तरह की खबर आई है। इसमें भी झाड़-फूंक करने वाले बुजुर्ग दंपती की टांगी से काटकर हत्या कर दी गई। मगर हत्या इसलिए की गई कि उसने ठंड और अंधेरा हो जाने के कारण झाड़ फूंक के लिए जाने से इनकार कर दिया था। कहा था कि सुबह जायेगा। नतीजा हुआ कि 60 साल के हरि सेवक खेरवार की टांगी से मारकर हत्या कर दी, बचाने के लिए उनकी पत्नी 52 साल की लक्ष्मिनिया आई तो उसे भी टांगी से मार डाला। घटना गुरुवार रात की है। ये दोनों झाड़ फूंक का काम करते थे। लोहरदगा एसपी प्रियंका मीणा ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा।
हमलावर, दंपती की हत्या के बाद उनके तीनों बच्चों को भी तलाश रहे थे मगर वे भाग निकले। बच्चों के अनुसार ठंड के कारण दो-तीन दिनों से उनके माता-पिता झाड़ फूंक के लिए पड़ोस के गांवों में नहीं जा रहे थे। गुरुवार की रात तीन लोग उनके घर मां और पिता को झाड़ फूंक के लिए ले जाने के लिए आये थे। साथ चलने के लिए कहा। रात और ठंड के कारण जाने से इनकार किया और सुबह जाने की बात कही। इसी को लेकर हत्या कर दी गई। यह भी सूचना आ रही है कि दोनों की साजिश के तहत आपसी रंजिश में हत्या की गई है।