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झारखंडः आदिवासी महोत्सव में दिखेगा जनजातीय संस्कृति का रंग, ये कार्यक्रम भी होंगे शामिल

रांची। झारखण्ड समेत पूरे देश की आदिवासी संस्कृति, परम्परा, वेशभूषा और खानपान का अनोखा संगम 9 एवं 10 अगस्त...
झारखंडः आदिवासी महोत्सव में दिखेगा जनजातीय संस्कृति का रंग, ये कार्यक्रम भी होंगे शामिल

रांची। झारखण्ड समेत पूरे देश की आदिवासी संस्कृति, परम्परा, वेशभूषा और खानपान का अनोखा संगम 9 एवं 10 अगस्त को आयोजित झारखण्ड आदिवासी महोत्सव  में देखने को मिलेगा। महोत्सव में अरुणाचल प्रदेश, असम, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, राजस्थान के जनजातीय समुदाय के मेहमान अपनी परम्परा और संस्कृति से राज्यवासियों को रूबरू कराएंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत नागपुरी, सराइकेला छऊ, डोमकच, पायका समेत अन्य नृत्यों की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा की जाएगी।

विचार-विमर्श और सेमिनार भी

एक ओर जहां लोग सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होंगे वहीं दूसरी ओर, आदिवासी भाषा के समक्ष चुनौती और अवसर, आदिवासी युवाओं के लिए उद्यमिता, जनजातीय व्यंजनों का विपणन, कृषि पारिस्थितिकी की प्रासंगिकता और महत्व समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा और परिचर्चा का आयोजना होगा। सेमिनार के जरिए आदिवासी इतिहास, मानवशास्त्र, आदिवासी अर्थव्यवस्था – एक वैकल्पिक अर्थव्यवस्था की परिकल्पना, जनजातीय साहित्य-काल्पनिक और गैर-काल्पनिक जैसे विषयों पर लोग अपनी बातों को रखेंगे।

फिल्मों का प्रदर्शन और रैली

 महोत्सव में 32 ट्राइब्स की रीझ रंग रसिका रैली निकाली जाएगी।ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल का भी आयोजन होगा। जिसमें पहाड़ा, एड्पा काना, डीबी दुर्गा, बरदु, रवाह, सोंधैयानी, अबुआ पायका, द वॉटरफॉल, बैकस्टेज, सम स्टोरीज अराउंड विचेज, लाको बोदरा, छैला, द अगली साइड ऑफ ऑफ ब्यूटी, बंधा खेत, बठुन्दी, अजतान्त्रिक जैसी फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त ड्रोन शो, लेज़र शो, आतिशबाजी और ट्राइबल फैशन शो का भी आयोजन होगा। दो दिनों तक आयोजित इस महोत्सव में 32 स्टाल आदिवासियों के होंगे। जो अलग - अलग आदिवासी समुदाय को रिप्रेजेंट करेंगे। साथ ही, विभिन्न विभागों और सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के भी स्टाल लगाए जायेंगे।

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