जम्मू कश्मीर में टारगेटेड किलिंग की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) करेगी। इस टारगेट के तहत आतंकवादियों द्वारा अनेक स्थानीय और कश्मीर से बाहरी लोगों की हत्या की गई है। सूत्रों के मुताबिक श्रीनगर, कुलगाम और दूसरी जगहों पर जो टारगेट किलिंग हुई हैं, उसकी जांच एनआईए को सौंपने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हरी झंडी दे दी गई है। एनआईए डीजी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे कुलदीप सिंह, कश्मीर में मौजूद हैं।
इससे पहले भी एनआईए ने आतंकियों को मदद पहुंचाने के मामले में पाकिस्तान को बेनकाब किया है। घाटी में पाकिस्तान द्वारा सीधे तौर पर आर्थिक मदद पहुंचाई जाती है और उसमें दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के कर्मियों का भी हाथ रहा है, एनआईए अपनी जांच में यह खुलासा कर चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि एनआईए इस तरह के मामलों की जांच पहले भी करती रही है। इस आधार पर जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने अपने गृह विभाग के जरिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है, जिसमें इन तमाम घटनाओं की जांच एनआईए द्वारा कराने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक, इन बैठकों के दौरान जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने यह साफ किया कि इन तमाम हत्याओं के पीछे पाक समर्थित आतंकवादी समूहों का हाथ है और उनका मकसद कश्मीर घाटी में डर फैलाना है और आतंक का राज कायम करना है।
बता दें कि पिछले दो सप्ताह में आतंकियों ने पांच अक्तूबर को सबसे पहले कश्मीरी पंडित फार्मासिस्ट माखन लाल बिंद्रू को गोली मारी थी। उसके बाद बिहार के वीरेंद्र पासवान को मारा गया। आतंकियों ने बांदीपोरा के मो. शफी लोन को भी मारा था। जम्मू और कश्मीर में इस माह के दौरान अब तक 11 नागरिकों को चुन-चुनकर मारा जा चुका है।